तमिलनाडु के उत्तरी राज्य के मजदूरों (बिहार) पर हमले की खबर को झूठा बताया जा रहा है. डीएसपी बालाजी सरवनन ने बताया, मजदूरों के खिलाफ हमले के संबंध में सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाह झूठी है. तूतीकोरिन जिले की बात है, सभी पुलिस कर्मी यहां सुरक्षा के लिए हैं.
सोशल मीडिया में अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई
डीजीपी ने बताया, सोशल मीडिया में अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गयी है. चैनलों से अफवाह फैलाने वाली सामग्री को हटाने का अनुरोध किया गया, लेकिन नहीं मानने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी. डीजीपी ने बताया, अब तक नौ मामले दर्ज किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा, अफवाहें बहुत खतरनाक होती हैं और तबाही मचा सकती हैं, लोगों को ऐसी पोस्ट फॉरवर्ड नहीं करनी चाहिए जो अत्यधिक अपमानजनक हों.
तमिलनाडु में स्थिति शांतिपूर्ण : डीजीपी
डीजीपी सी सिलेंद्र बाबू ने बताया, तमिलनाडु में स्थिति शांतिपूर्ण है. उन्होंने बताया कि बिहारी श्रमिकों या किसी अन्य राज्य के श्रमिकों पर ऐसा कोई हमला नहीं हुआ है.
तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर ‘हमले’ का मामला : वकील ने ट्रांजिट अग्रिम जमानत मांगी
एक वकील ने सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख कर तमिलनाडु में प्रवासी मजदूरों पर हमलों का दावा करने वाली कथित झूठी सूचना देने के लिए राज्य पुलिस द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी में ट्रांजिट अग्रिम जमानत देने का अनुरोध किया. पुलिस ने बताया कि यह प्राथमिकी पेशे से वकील प्रशांत कुमार उमराव के खिलाफ दर्ज की गयी जिनके आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर कहा गया है कि वह भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के प्रवक्ता हैं. उमराव पर दंगे भड़काने, शत्रुता और घृणा बढ़ाने, शांति भंग करने और भड़काऊ बयान देने के लिए भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी है. तमिलनाडु के थुथुकुडी केंद्रीय पुलिस थाने ने प्राथमिकी दर्ज की थी.