Protocol की परवाह किये बगैर PM Modi अचानक पहुंचे गुरुद्वारे, न कोई खास सुरक्षा न ट्रैफिक डिस्टर्ब

नयी दिल्ली : दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बीच रविवार की सुबह अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुद्वारा रकाबगंज (Gurudwara Rakab Ganj Sahib) पहुंच गये. इस दौरान पीएम मोदी के सुरक्षा के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किये गये थे और ना ही ट्रैफिक को रोका गया था. गुरुद्वारा पहुंचकर पीएम मोदी ने मत्था टेका और गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचने के दौरान ना तो कोई पुलिस बंदोबस्त किया गया और ना ही आमजन के लिए यातायात अवरोधक लगाये गये.

By AmleshNandan Sinha | December 20, 2020 11:14 AM

नयी दिल्ली : दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बीच रविवार की सुबह अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) गुरुद्वारा रकाबगंज (Gurudwara Rakab Ganj Sahib) पहुंच गये. इस दौरान पीएम मोदी के सुरक्षा के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं किये गये थे और ना ही ट्रैफिक को रोका गया था. गुरुद्वारा पहुंचकर पीएम मोदी ने मत्था टेका और गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी. सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के गुरुद्वारा रकाबगंज पहुंचने के दौरान ना तो कोई पुलिस बंदोबस्त किया गया और ना ही आमजन के लिए यातायात अवरोधक लगाये गये.

पीएम मोदी को अचानक वहां देखकर लोगों की भीड़ इकट्ठी होने लगी. रायसीना हिल्‍स के पीछे स्थित इस गुरुद्वारे में पिछले 25 दिन से ‘सिख समागम’ चल रहा है. लोगों ने जब पीएम मोदी को वहां देखा तो उनके साथ सेल्फी लेने का प्रयास करने लगे. पीएम मोदी ने रुक कर सभी के साथ तसवीरें खिंचवाई और कुछ लोगों से बात भी करते दिखे. दिल्ली बॉर्डर पर किसानों के प्रदर्शन का आज 25वां दिन है.

दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को संबोधित करते हुए मध्य प्रदेश में कहा था कि मैं सभी किसानों को भरोसा दिलाता हूं कि ना तो न्यूतम समर्थन मूल्य खत्म किया जायेगा और ना ही कृषि मंडियों को समाप्त किया जायेगा. उन्होंने विपक्षी दलों पर किसानों को भड़काने का आरोप लगाया. इस दौरान मोदी ने यह भी जिक्र किया कि उनकी सरकार ने किस प्रकार फसलों की एमएसपी बढ़ाकर किसानों को लाभ पहुंचाया है.

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बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से लाये गये कृषि कानूनों के खिलाफ देशभर के किसान पिछले 25 दिनों से सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. हाड़ कंपाती ठंड में भी किसान वहां जमे हैं. सरकार के साथ कई स्तर की वार्ताएं विफल हो चुकी हैं. किसानों की एक ही मांग है कि जबतक सरकार कृषि कानूनों का वापस नहीं लेगी, तबतक यह आंदोलन चलता रहेगा. प्रदर्शन करने वाले किसानों में अधिकतर पंजाब और हरियाणा के हैं.

Posted By: Amlesh Nandan.

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