Prashasan Gaon Ki Ore: डीएम-डीसी को गांव में जाकर लोगाें की समस्याओं का करना होगा निदान

केंद्र सरकार की महत्वूपर्ण पहल "प्रशासन गांव की ओर अभियान" के तहत प्रशासन को अब गांव में जाकर लोगों की समस्याओं को सुनना होगा और उसका त्वरित निदान भी करना होगा. 19 से 25 दिसंबर 2025 तक देश के हर जिले और हर राज्य में यह अभियान चलाया जायेगा. अभियान का मुख्य मकसद यह है कि प्रशासन खुद आगे बढ़कर लोगों तक पहुंचे, न कि लोगों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़े.

By Anjani Kumar Singh | December 11, 2025 7:33 PM

Prashasan Gaon Ki Ore: आम लोगों की शिकायतें जल्दी निपटें और सरकारी सेवाएं ज्यादा आसान तरीके से मिलें, इसी लक्ष्य को ध्याान में रखते हुए केंद्र सरकार ने “प्रशासन गांव की ओर” नाम का एक बड़ा देशव्यापी अभियान शुरू करने जा रही है. यह अभियान 19 से 25 दिसंबर 2025 तक देश के हर जिले और हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में चलाया जायेगा. इस अभियान को सफल बनाने के लिए बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी.


बैठक में सभी राज्यों के प्रशासनिक सुधार सचिव, सभी जिला कलेक्टर (डीसी), जिला अधिकारी/जिलाधिकारी (डीएम) और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. प्रशासनिक सुधार विभाग के सचिव और अपर सचिव ने अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी दी. तैयारी बैठक में पूरे देश से 1200 से ज्यादा स्थानों से 700 से अधिक डीसी, डीएम और अधिकारी जुड़े. सभी राज्यों के अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि वे इस अभियान में पूरी मेहनत से हिस्सा लेंगे ताकि आम जनता को ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके.

शासन और जनता के बीच की दूरी का पाटना


सरकार इस अभियान के  द्वारा लोगों के घर-घर तक पहुंचकर उनके समस्या का समाधान करना चाहती है. सरकार का मानना है कि शासन और जनता के बीच की दूरी को पूरी तरह से खत्म किया जाये, जिससे जनता को भी अहसास हो कि सरकार उनके साथ है. उनके रोजमर्रा के काम के लिए शासन या प्रशासन के पास उन्हें ही जाना न पड़े, बल्कि शासन उनके घर पर खुद चलकर आये, उनकी समस्याओं को सुने और उसका त्वरित निदान भी करे.

 यह अभियान इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इससे शासन-प्रशासन को एक दूसरे के सफल मॉडल को जानने और समझने में मदद मिलती है. किसी जिला में कोई सक्सेस मॉडल हो, तो उसे दूसरे राज्यों या जिला में भी लागू कर उसका लाभ उठाया जा सकता है. इतना ही नहीं इस अभियान से सेवा वितरण से जुड़ी सेवाओं, जैसे प्रमाणपत्र, स्वीकृतियां, पेंशन, राशन आदि आम जन की छोटी-छोटी समस्याएं जिसके लिए उन्हें दफ्तरों का चक्कर काटना पड़ता है, उसे भी असान बनाना है.


दो चरणों में चलेगा अभियान 


यह अभियान दो चरणों में चलाया जायेगा. पहला तैयारी चरण है, जो 11 से 18 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान हर जिला और हर तहसील अपने-अपने इलाके में शिविरों और कार्यक्रमों की योजना बनाएगा. लोगों को इसके बारे में जानकारी देने के लिए प्रचार भी किया जाएगा. इसके बाद दूसरा मुख्य अभियान 19 से 25 दिसंबर तक चलाया जायेगा. इस दौरान पूरे देश में ऑनलाईन पोर्टल पर लंबित शिकायतों का निपटारा करना, गांवों और कस्बों में विशेष शिविर लगाकर शिकायतें सुनना, शिविरों में लोगों के सेवा से जुड़े आवेदन तुरंत निपटाना, सुशासन (गुड गवर्नेंस) के अच्छे उदाहरण इकट्ठा करके पोर्टल पर अपलोड करना साथ ही जिलों का “विजन डॉक्यूमेंट District@100” तैयार करना शामिल है. 

अभियान का मुख्य मकसद यह है कि प्रशासन खुद आगे बढ़कर लोगों तक पहुंचे, न कि लोगों को बार-बार दफ्तरों के चक्कर लगाने पड़े. यह अभियान दिसंबर के सुशासन सप्ताह का मुख्य हिस्सा है और केंद्र सरकार का मानना है कि इससे लोगों की तकलीफें कम होंगी, शिकायतें जल्दी निपटेंगी और सरकारी कामकाज और ज्यादा पारदर्शी व जवाबदेह बनेगा.