देश में फरवरी महीने से ही भीषण गर्मी की दस्तक हो गई है. उत्तर भारत के कई राज्यों में भी चिलचिलाती गर्मी की आहट अभी से ही सुनाई देने लगी है. देश में बढ़ती गर्मी को लेकर पीएम मोदी ने इससे जुड़ी तैयारियों की समीक्षा के लिए आज यानी सोमवार को एक उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में अस्पतालों में आग से सुरक्षा के उपायों के ऑडिट करने के साथ-साथ जंगल की आग से निपटने के लिए एक समन्वित प्रयास की जरूरत पर जोर दिया. पीएमओ की ओर से इसकी जानकारी दी गई.
मॉनसून की दी गई जानकारी: बैठक में पीएम मोदी को अगले कुछ महीनों के लिए भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मौसम पूर्वानुमान और सामान्य मॉनसून की संभावना के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही रबी फसलों पर मौसम के प्रभाव और प्रमुख फसलों की संभावित उपज के बारे में भी उन्हें बताया गया. पीएमओ ने कहा कि बैठक में सिंचाई जल आपूर्ति, चारा और पेयजल की निगरानी के लिए चल रहे प्रयासों की भी समीक्षा की गई. इसके अलावा प्रधानमंत्री को आवश्यक आपूर्ति की उपलब्धता और आपात स्थिति के लिए तैयारियों के संदर्भ में राज्यों और अस्पतालों के बुनियादी ढांचे की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई.
आपदाओं से निपटने की तैयारी के बारे में दी जानकारी: पीएमओ ने कहा उन्हें गर्मी से संबंधित आपदाओं से निपटने के लिए देश भर में चल रहे विभिन्न प्रयासों और शमन उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई. बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने नागरिकों सहित विभिन्न हितधारकों के लिए अलग-अलग जागरूकता सामग्री तैयार करने और स्कूलों में कुछ मल्टीमीडिया व्याख्यान सत्रों को शामिल करने का निर्देश दिया गया, ताकि बच्चों को अत्यधिक गर्मी की स्थिति से निपटने के बारे में संवेदनशील बनाया जा सके.
मौसम की जानकारी देने पर जोर: प्रधानमंत्री ने कहा कि गर्म मौसम के लिए प्रोटोकॉल और क्या करें व क्या न करें को सुलभ प्रारूपों में तैयार किए जाने चाहिए और प्रचार के विभिन्न अन्य तरीकों जैसे जिंगल्स, फिल्म, पैम्फलेट आदि भी जारी भी किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने आईएमडी से दैनिक मौसम पूर्वानुमान इस तरह से जारी करने के लिए कहा, जिसकी आसानी से व्याख्या और प्रसार किया जा सके. उन्होंने मौसम के पूर्वानुमान के प्रसार के लिए समाचार चैनलों, एफएम रेडियो आदि को भी शामिल करने पर जोर दिया, ताकि नागरिकों को आवश्यक सावधानी बरतने में सुविधा हो.
पीएमओ ने कहा, प्रधानमंत्री ने सभी अस्पतालों के आग लगने से बचाव संबंधी उपायों की विस्तृत ऑडिट की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि अग्निशमन विभाग की ओर से सभी अस्पतालों में मॉक फायर ड्रिल किया जाना चाहिए. उन्होंने जंगल की आग से निपटने के लिए एक समन्वित प्रयास की आवश्यकता पर बल दिया और इसे रोकने और उससे निपटने के प्रयासों के लिए प्रणालीगत परिवर्तन किए जाने की आवश्यकता जताई.
प्रधानमंत्री ने जलाशयों में चारे और पानी की उपलब्धता पर नजर रखे जाने का भी निर्देश दिया. पीएमओ ने कहा कि भारतीय खाद्य निगम को प्रतिकूल मौसम की स्थिति में अनाज के भंडारण को सुनिश्चित करने के लिए तैयार करने के लिए कहा गया. बैठक में प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव और एनडीएमए के सदस्य सचिव ने भाग लिया.