New Parliament Building: नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को उच्चतम न्यायालय ने खारिज कर दिया है. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि कोर्ट जानता है कि यह याचिका क्यों दायर की गई है. बता दें, दायर याचिका में कहा गया था कि लोकसभा सचिवालय का बयान और लोकसभा के महासचिव का उद्घाटन समारोह के लिए जारी निमंत्रण देश के संविधान का उल्लंघन है. कार्यक्रम में राष्ट्रपति को उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं करना उनका अपमान है.
याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट की फटकार: नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को खारिज करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को भी जमकर फटकार लगाई. कोर्ट ने कहा कि इस तरह की याचिका दायर करने पर कोर्ट आप पर जुर्माना भी लगा सकता है. गनीमत है कि आपके ऊपर अभी जुर्माना नहीं लगाया जा रहा है. इसके अलावा कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि याचिकाकर्ता अब किसी कोर्ट में यह याचिका दायर नहीं कर सकता है.
पीएम मोदी से करेंगे अपील: इस मामले में कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए अपील करेंगे. उन्होंने कहा कि संवैधानिक मुखिया के अधिकार सिर्फ इसलिए नहीं छीने जा सकते कि वह एक आदिवासी महिला है. वह हमारे देश की राष्ट्रपति हैं. संसद के मुखिया करें उद्घाटन.
25 राजनीतिक दलो हो रहे शामिल: उद्घाटन में शामिल हो रहे पीएम मोदी द्वारा 28 मई को नये संसद भवन के उद्घाटन में 25 राजनीतिक दलों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है. वहीं, सामने आयी जानकारी के मुताबिक 21 दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी के साथ ही सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के 18 घटक दलों के साथ 7 गैर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन दल इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.