टेलीमेडिसिन सर्विस ‘eSanjeevani’ ने पूरे किए 1 करोड़ टेलीकंसल्टेशन, स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी जानकारी

Telemedicine Service eSanjeevani भारत में नए यूजर लगातार टेलीमेडिसिन को ई संजीवनी (eSanjeevani) के रूप में अपना रहे हैं. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया है कि राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी ने पूरे भारत में 1 करोड़ से अधिक टेली-परामर्श आयोजित किए हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2021 10:05 PM

Telemedicine Service eSanjeevani भारत में नए यूजर लगातार टेलीमेडिसिन को ई संजीवनी (eSanjeevani) के रूप में अपना रहे हैं. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी है. मंत्रालय ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा ई-संजीवनी ने पूरे भारत में 1 करोड़ से अधिक टेली-परामर्श आयोजित किए हैं, जो पिछले 10 महीनों में 1000 फीसदी की वृद्धि दर्शाता है. मंत्रालय ने बताया कि इसका उपयोग देश भर के 701 जिलों में जनता द्वारा किया गया है.

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, भारत सरकार की ई-संजीवनी पहल ने देश भर के डॉक्टरों और मरीजों के बीच लोकप्रियता हासिल की है और नए यूजर लगातार ई संजीवनी को अपना रहे हैं, जो दूर इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को प्राप्त करने का एक व्यवहार्य, उपयोग में आसान, व्यावहारिक साधन साबित हुआ है. बयान में कहा गया है कि पिछले दस महीनों में ई संजीवनी नेटवर्क का उपयोग एक हजार फीसदी की वृद्धि दर्शाता है.

बता दें कि राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सर्विस दो रूपों के माध्यम से मरीजों की सेवा कर रही है. जिसमें डॉक्टर टू डॉक्टर (ई संजीवनी एबी एचडब्लूसी) और पेशेंट टू डॉक्टर (ई संजीवनी ओपीडी) है. ई संजीवनी एबी एचडब्लूसी को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से नवंबर 2019 में भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना के तहत हब एंड स्पोक मॉडल में लॉन्च किया गया था. दिसंबर 2022 तक इसे पूरे भारत में 1,55,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों पर लागू किए जाने का योजना है. इस पहल का दूसरा संस्करण ई संजीवनी ओपीडी 13 अप्रैल 2020 को पहले लॉकडाउन के दौरान शुरू किया गया था, जब देश भर में ओपीडी बंद थी.

Also Read: 70 साल में देश में बनी पूंजी को वित्त मंत्री ने लिया बेचने का फैसला, मतलब PM ने सब कुछ बेच दिया : राहुल गांधी

Next Article

Exit mobile version