अगर आप बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स दवाओं का इस्तेमाल करते हैं, तो अब सावधान हो जाइए. देश भर में खांसी, जुकाम और मतली के बढ़ते मामलों के जवाब में एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल को लेकर इंडियन मेडकिल एसोसिएशन ने एडवाइजरी जारी करते हुए इससे से बचने की सलाह दी है. आईएमए ने कहा कि खांसी, मतली, उल्टी, गले में खराश, बुखार, शरीर में दर्द और दस्त के लक्षण वाले रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ी है,जो कि इस वक्त मौसमी बुखार के लक्षण हैं, ऐसे में लोग डॉक्टर की सलाह लिए बिना दवाओं का सेवन कर रहे हैं, जो खतरनाक भी साबित हो सकता है.
इन्फ्लुएंजा वायरस का संक्रमण
आईएमए ने बताया कि ये इन्फ्लुएंजा वायरस का संक्रमण है जो औसतन पांच से सात दिनों तक रहता है. जबकि बुखार तीन दिनों में खत्म हो जाता है. लेकिन खांसी तीन हफ्ते तक बनी रह सकती है. एनडीसी की जानकारी के मुताबिक इनमें से अधिकांश मामले में H3N2 इन्फ्लुएंजा वायरस के हैं. आईएमए ने डॉक्टरों को सलाह दी कि वे एंटीबायोटिक्स देने से परहेज करें.
मौसमी बुखार में नया लें एंटीबायोटिक्स
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने चिकित्सकों से मौसमी बुखार, सर्दी और खांसी के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के नुस्खे से बचने के लिए कहा है. आईएमए ने शुक्रवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक नोटिस के जरिए यह घोषणा की. नोटिस में कहा गया है कि मौसमी बुखार एक सप्ताह से अधिक नहीं रहेगा और एंटीबायोटिक दवाओं के सेवन से बचने की जरूरत है. वहीं पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में वायरल के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं.
मौसमी जुकाम के लिए एंटीबायोटिक्स अप्रभावी
IMA ने बताया कि, मौसमी जुकाम के लिए एंटीबायोटिक्स अप्रभावी हैं; उनके अति प्रयोग और दुरुपयोग के परिणामस्वरूप एंटीबायोटिक प्रतिरोध हो सकता है जो बैक्टीरिया के संक्रमण को सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा बना सकता है. आईएमए ने कहा कि एक ऐसा चलन है जहां चिकित्सक मरीजों में प्रासंगिक लक्षण प्रदर्शित नहीं होने के बावजूद एंटीबायोटिक्स लिखते हैं, और लोग एज़िथ्रोमाइसिन और एमोक्सिक्लेव आदि एंटीबायोटिक्स लेना शुरू कर देते हैं, वह भी टाइमिंग की परवाह किए बगैर और एक बार बेहतर महसूस होने पर इसे बंद कर देते हैं, इसे रोकने की जरूरत है क्योंकि इससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध होता है.
डॉक्टर की सलाह पर सिर्फ बैक्टीरियल इंफेक्शन में करें एंटीबायोटिक्स का सेवन
आईएमए ने एक बयान में कहा, जब भी एंटीबायोटिक दवाओं का वास्तविक उपयोग होगा, वे प्रतिरोध के कारण काम नहीं करेंगे. एसोसिएशन ने कहा, "एंटीबायोटिक्स निर्धारित करने से पहले यह पता लगाना आवश्यक है कि व्यक्ति के शरीर में बैक्टीरियल इंफेक्शन है या नहीं."