New Parliament Building: नये संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होने वाली है. दायर की गयी इस याचिका में सुप्रीम कोर्ट से नये भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों कराने का निर्देश लोकसभा सचिवालय को देने की मांग की गयी है. दायर की गयी इस याचिका में कहा गया है. लोकसभा सचिवालय का बयान और लोकसभा के महासचिव का उद्घाटन समारोह के लिए जारी निमंत्रण देश के संविधान का उल्लंघन है. याचिका में आगे बतायागया है कि- प्रतिवादी लोकसभा सचिवालय और भारत संघ राष्ट्रपति को उद्घाटन के लिए आमंत्रित नहीं कर उन्हें अपमानित कर रहे हैं. वे देश की प्रथम नागरिक हैं और इस लोकतांत्रिक संस्था की प्रमुख हैं.
संसद भवन के उद्घाटन में 25 दल हो सकते हैं शामिल
पीएम मोदी द्वारा 28 मई को नये संसद भवन के उद्घाटन में 25 राजनीतिक दलों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है. वहीं, सामने आयी जानकारी के मुताबिक 21 दलों ने कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी के साथ ही सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के 18 घातक दलों के साथ 7 गैर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन दल इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.
बीजेपी ने की समारोह में शामिल होने की अपील
नये संसद भवन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए बीजेपी ने विपक्षी दलों से अपील की. अपील करते हुए उन्होएँ कहा कि- बड़ा दिल दिखाते हुए संसद के उद्घाटन के ऐतिहासिक दिवस का हिस्सा बनें.भाजपा के सीनियर नेता और पूर्व सेंट्रल मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद ने नए संसद भवन को भारत के गौरव का प्रतीक बताया.
मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम पर लगाया आरोप
पीएम मोदी के उद्घाटन समारोह से पहले कई विपक्षी दलों ने उनपर निशाना साधा. इनमें से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी एक हैं. निशाना साधते हुए खरगे ने कहा कि- मोदी सरकार के अहंकार ने संसदीय प्रणाली को ध्वस्त कर दिया है. राष्ट्रपति पद संसद का प्रथम हिस्सा है. केवल यहीं नहीं आगे बताते हुए उन्होंने कहा कि- 140 करोड़ भारतीय जानना चाहते हैं कि राष्ट्रपति से संसद भवन के उद्घाटन का हक छीनकर सरकार क्या जताना चाहती है?