Coronil vs Allopathy: बाबा रामदेव पर हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी, अनुयायी रखें, पर लोगों को गुमराह ना करें

पिछले साल विभिन्न संगठनों ने उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर करके रामदेव पर आरोप लगाया था कि वह जनता को गुमराह कर रहे हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली ज्यादातर मौतों के लिए एलोपैथी जिम्मेदार है और दावा कर रहे हैं कि कोरोनिल से कोरोना का इलाज किया जा सकता है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 17, 2022 9:50 PM

दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि किसी को भी एलोपैथी के खिलाफ गुमराह नहीं किया जाना चाहिए. इसके साथ ही अदालत ने योग गुरु बाबा रामदेव से कहा कि वह अनुयायी रखने के लिए स्वतंत्र हैं लेकिन उन्हें तथ्यों से इतर कुछ भी बोलकर जनता को गुमराह नहीं करना चाहिए.

हाईकोर्ट ने बाबा रामदेव पर क्यों की सख्त टिप्प्णी

दरअसल कोरोना के इलाज के लिए पतंजलि कंपनी द्वारा विकसित कोरोनिल के संबंध में कथित रूप से गलत सूचनाएं फैलाने को लेकर डॉक्टरों के विभिन्न संगठनों द्वारा योग गुरु के खिलाफ दायर मुकदमे की सुनवाई कर रहे न्यायमूर्ति अनूप जयराम भम्भानी ने कहा कि उनकी चिंता भी प्राचीन औषधि विज्ञान आयुर्वेद के सम्मान को बचाए रखने की है. न्यायमूर्ति ने कहा, शुरुआत से ही मेरी सिर्फ एक ही चिंता है. आप अनुयायी रखने को स्वतंत्र हैं। आप अपने शिष्य रखने को भी स्वतंत्र हैं. आप ऐसे लोगों को भी साथ रखने को स्वतंत्र हैं, जो आपकी सभी बातें सुनें. लेकिन, कृपया तथ्यों से इतर बातें कर सामान्य जनता को भ्रमित ना करें.

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एलोपैथी पर टिप्प्णी को लेकर बाबा रामदेव के खिलाफ हाईकोर्ट में दर्ज है मुकदमा

गौरतलब है कि पिछले साल विभिन्न संगठनों ने उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर करके रामदेव पर आरोप लगाया था कि वह जनता को गुमराह कर रहे हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली ज्यादातर मौतों के लिए एलोपैथी जिम्मेदार है और दावा कर रहे हैं कि कोरोनिल से कोरोना का इलाज किया जा सकता है.

अधिवक्ता अखिल सिबल ने अदालत से कहा- बाबा रामदेव ने कोरोना टीके को प्रभावहीन बताया

डॉक्टरों के संगठनों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अखिल सिबल ने अदालत को बताया कि हाल ही में रामदेव ने सार्वजनिक भाषणों में कहा है कि कोरोनिल से कोरोना का इलाज किया जा सकता है और उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ टीके को प्रभावहीन बताया. सिबल ने कहा कि कोरोनिल को दिए गए लाइसेंस में कोरोना का कोई जिक्र नहीं है और इसमें सिर्फ रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और आयुर्वेदिक सामग्री होने की बात है. अदालत को बताया गया कि रामदेव के कुछ बयानों में यह संदर्भ भी दिया गया कि एक विदेशी राष्ट्र के नेता टीका लगवाने के बावजूद कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए.

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