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कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं करेंसी नोट और सिक्के? …पढ़ें अध्ययन में क्या हुआ खुलासा

Corona virus, Currency note, SARS Cov-2 on notes, SARS Cov-2 on coins : नयी दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण फैलने को लेकर लोग अब सतर्क हो गये हैं. करेंसी नोटों और सिक्कों से कोरोना वायरस फैलने की आशंकाओं के बीच एक नयी रिपोर्ट सामने आयी है.

नयी दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण फैलने को लेकर लोग अब सतर्क हो गये हैं. वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लोगों में ऑनलाइन भुगतान का चलन भी बढ़ा है. करेंसी नोटों और सिक्कों से कोरोना वायरस फैलने की आशंकाओं के बीच एक नयी रिपोर्ट सामने आयी है.

आईसाइंस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, करेंसी नोटों और सिक्कों के जरिये कोरोना वायरस फैलने का खतरा बहुत कम है. यूरोपीयन सेंट्रल बैंक के विशेषज्ञों और जर्मनी के रूहर यूनिवर्सिटी बोचम में चिकित्सा और आणविक विषाणु विज्ञान विभाग के सहयोग से यह अध्ययन किया गया है.

प्रोफेसर ई स्टीनमैन और डॉ डैनियल टॉड के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने यह पता लगाने की कोशिश की कि वास्तविक जीवन में कितने संक्रामक वायरस कणों को नकदी से त्वचा में स्थानांतरित किया जा सकता है. साथ ही करेंसी नोटों और सिक्कों पर सार्स कोव-2 कितने समय तक बना रहता है.

अध्ययन में स्टेनलेस स्टील की सतह पर करेंसी नोट, सिक्के और बैंकों के डेबिट/क्रेडिट कार्ड रखे गये. विशेषज्ञों ने इन्हें सार्स कोव-2 से संक्रमित कराया. अध्ययन में पाया गया कि स्टेनलेस स्टील की सतह पर वायरस सात दिनों तक बना रहा. लेकिन, करेंसी नोटों और सिक्कों पर यह दो से छह दिनों में गायब हो गया. वहीं, तांबे के बने पांच सेंट के सिक्के पर वायरस मात्र एक घंटे तक ही टिक सका.

मालूम हो कि साल 2021 की शुरुआत में भारत के मुंबई स्थित आईआईटी के वैज्ञानिकों ने भी अध्ययन के बाद निष्कर्ष निकाला था कि शीशे और प्लास्टिक की तुलना में कागज और कपड़े पर कोरोना वायरस कम दिनों तक ही जीवित रहता है. अध्ययन में कहा गया था कि शीशे पर चार दिन और प्लास्टिक व स्टेनलेस स्टील पर सात दिनों तक वायरस का संक्रमण रहता है.

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