भारत में बेरोजगारी कहां? सिनेमा हॉल और मॉल में रखे तो जाते हैं प्लंबर और सिक्योरिटी गार्ड : बीजेपी एमपी

केंद्र सरकार की ओर से राजकोट में हेमी गढ़वी हॉल में आयोजित रोजगार मेले में भाजपा के राज्यसभा सांसद राम मोकारिया ने कृषि क्षेत्र में मजदूरों की कमी पर एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत में बेरोजगारी कहां है? देश में रोजगार के अवसर की कोई कमी नहीं है.

By Prabhat Khabar Print Desk | May 16, 2023 11:07 PM

राजकोट : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार के विभिन्न विभागों में नवनियुक्त तकरीबन 71,000 कर्मचारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए नियुक्ति पत्र वितरित किए. उन्होंने मंगलवार को आयोजित रोजगार मेले में नवनियुक्त सरकारी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र बांटे हैं. इस बीच, एक खबर यह भी है कि गुजरात के राजकोट में हेमी गढ़वी हॉल में केंद्र सरकार की ओर से आयोजित रोजगार मेले में भाजपा के राज्यसभा सांसद राम मोकारिया ने विवादित बयान दिए हैं.

भाजपा के राज्यसभा सांसद ने दिए विवादित बयान

अंग्रेजी के अखबार इंडियन एक्सप्रेस की वेबसाइट पर प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार की ओर से राजकोट में हेमी गढ़वी हॉल में आयोजित रोजगार मेले में भाजपा के राज्यसभा सांसद राम मोकारिया ने कृषि क्षेत्र में मजदूरों की कमी पर एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत में बेरोजगारी कहां है? देश में रोजगार के अवसर की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों को शॉपिंग मॉल्स और सिनेमाघरों में सफाईकर्मी, सुरक्षा गार्ड और प्लंबर आदि की नौकरी मिल ही जाती है.

10 साल में कई नए मॉल और सिनेमाघर खुले

भाजपा के राज्यसभा सांसद राम मोकारिया ने कहा कि जब कोई रोजगार के बारे में बात करता है, तो वे आमतौर पर सरकारी नौकरियों के बारे में बात करते हैं. जबकि, लोग शिकायत करते हैं कि नौकरियों की कमी है. वास्तविकता यह है कि कृषि के लिए पर्याप्त मजदूर नहीं हैं. ऐसा इसलिए है, क्योंकि पिछले 10 सालों में कई मॉल खुले और लोगों को सफाईकर्मी और सुरक्षा गार्ड के रूप में भर्ती किया गया. वास्तव में, नए कॉम्प्लेक्स बनाए जा रहे हैं और लोगों को सफाई या सुरक्षा की देखभाल करने की आवश्यकता है.

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भारत में कोई बेरोजारी नहीं

विपक्ष और खासकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोकारिया ने कहा कि कोई बेरोजगारी नहीं है और कांग्रेस और विपक्ष नकारात्मक माहौल बनाने के लिए आंकड़ों में हेराफेरी कर रहे हैं. एनजीओ को रियलिटी चेक करना चाहिए. उदाहरण के लिए, उन्हें यह देखना चाहिए कि राजकोट में कितने मॉल खुले हैं और कितने सफाईकर्मी और सुरक्षा गार्ड कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि एनजीओ को यह भी देखना चाहिए कि कितने सिनेमा हॉल खुले हैं और कितने लोगों को रोजगार मिला है. ये सभी लोग कहां से आते हैं?

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