Rajasthan Paper Leak: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में दिल्ली पार्टी कार्यलय में आगामी चुनावी राज्यों वाले नेताओं की एक अहम बैठक बुलाई गई है. बैठक में राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी शामिल होने वाले हैं. इस बैठक के दौरान राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट कई अहम मुद्दों पर बात करने वाले हैं. गौरतलब है कि सचिन पायलट और अशोक गहलोत में लम्बे समय से विवाद चल रहा है.
गहलोत ने पायलट पर साधा निशाना
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का बिना नाम लिए उन पर हमला करते हुए कहा कि पेपर लीक से प्रभावित उम्मीदवारों को मुआवजे देने की उनकी मांग बुद्धि का दिवालियापन को दर्शाती है. गहलोत ने यह भी कहा कि विपक्ष ने पेपर लीक के बारे में बात करना शुरू कर दिया है क्योंकि उसके पास राजस्थान में कांग्रेस सरकार को निशाना बनाने के लिए कोई मुद्दा नहीं है. मुख्यमंत्री ने सिंधी कैंप में नवनिर्मित अत्याधुनिक बस टर्मिनल का उद्घाटन करने के बाद अपने संबोधन के दौरान कहा- पेपर आउट कहां नहीं हो रहे हैं? कानून हमने बनाया है. हम पेपर आउट करने वालों को जेल भेज रहे हैं. हमने 200 लोगों को जेल भेज दिया. ऐसे लोगों को किस राज्य ने जेल भेजा है?
विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं
अशोक गहलोत ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है इसलिए वे पेपर आउट की बात करेंगे और कहेंगे कि जो 26 लाख लोग बैठे उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए. उन्होंने कहा- इसे आप क्या कहेंगे? इसे बुद्धि का दिवालियापन नहीं कहेंगे? उन्होंने कहा दुनिया के इतिहास में किसी ने कभी मांग की कि पेपर आउट हो गए तो जो बच्चे परीक्षा नहीं दे पाए हैं, उनको मुआवजा दो. क्या मुआवजा दे सकती है सरकार?
भ्रष्टाचार की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन
अशोक गहलोत की टिप्पणी पायलट की प्रभावित उम्मीदवारों को मुआवजे की मांग के संदर्भ में थी, जिसका बाद में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कुछ नेताओं ने समर्थन किया था. पायलट की अन्य मांगों में राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को भंग कर उसका पुनर्गठन करना और भाजपा के पिछले शासन के दौरान भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन करना शामिल है. (भाषा इनपुट के साथ)