CAA पर आरआरएस प्रमुख भागवत के भाषण पर ओवैसी का जवाब, कहा-हम बच्चे नहीं हैं

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्थापना दिवस पर संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिए गए बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने रविवार को कहा कि हम बच्चे नहीं हैं कि कोई हमें भटका दे. इससे पहले संघ प्रमुख भागवत ने सीएए को लेकर कहा है कि इस कानून से किसी को खतरा नहीं है. देश में मुस्लिम समुदाय को भ्रमित करने की साजिश की गई है.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 25, 2020 5:02 PM

नयी दिल्ली : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के स्थापना दिवस पर संघ प्रमुख मोहन भागवत द्वारा नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को लेकर दिए गए बयान पर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने रविवार को कहा कि हम बच्चे नहीं हैं कि कोई हमें भटका दे. इससे पहले संघ प्रमुख भागवत ने सीएए को लेकर कहा है कि इस कानून से किसी को खतरा नहीं है. देश में मुस्लिम समुदाय को भ्रमित करने की साजिश की गई है.

भागवत के बयान के बाद एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमलोग बच्चे नहीं हैं कि हमें कोई भटका दे. भाजपा ने यह नहीं बताया कि एक साथ सीएए और एनआरसी का मतलब क्या है? अगर यह सिर्फ मुस्लिमों के लिए नहीं है, तो सभी कानून से धर्म शब्द हटा दे. उन्होंने कहा कि हमलोग तब तक बार-बार प्रदर्शन करते रहेंगे, जब तक कि कानून में हमें खुद को भारतीय साबित करने की बात शामिल रहेगी. हम उस तरह के सभी कानून का विरोध करेंगे, जिसमें लोगों की नागरिकता धर्म के आधार पर तय की जाएगी.

वहीं, बिहार चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस और राजद (राष्ट्रीय जनता दल) पर हमला करते हुए ओवैसी ने कहा कि मैं कांग्रेस, राजद और उनके क्लोन से भी यह स्पष्ट कर दूं कि सीएए के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के दौरान आपकी चुप्पी लोग भूलेंगे नहीं. जब भाजपा नेता सीमांचल के लोगों को घुसपैठिए करार दे रहे थे, तो राजद और कांग्रेस ने अपना मुंह बंद कर रखा था. उन्होंने कुछ नहीं बोला.

इससे पहले नागपुर में दशहरे के कार्यक्रम में मोहन भागवत ने कहा कि हमने देखा कि देश में सीएए विरोधी प्रदर्शन हुए, जिससे समाज में तनाव फैला. उन्होंने कहा कि कुछ पड़ोसी देशों से सांप्रदायिक कारणों से प्रताड़ित होकर विस्थापित किए जाने वाले व्यक्ति जो भारत में आते हैं, उन्हें इस सीएए के जरिए नागरिकता दी जाएगी. भारत के उन पड़ोसी देशों में साम्प्रदायिक प्रताड़ना का इतिहास है. भारत के इस नागरिकता संशोधन कानून में किसी संप्रदाय विशेष का विरोध नहीं है.

संघ प्रमुख ने कहा कि जो भारत के नागरिक हैं, उनके लिए इस कानून में कोई खतरा नहीं था. बाहर से अगर कोई आता है और वह भारत का नागरिक बनना चाहता है, तो इसके लिए प्रावधान है जो बरकरार हैं. वह प्रक्रिया जैसी की तैसी है. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि बावजूद इसके कुछ अवसरवादी लोगों ने इस कानून का विरोध करना शुरू किया और ऐसा माहौल बनाया कि इस देश में मुसलमानों की संख्या न बढ़े, इसलिए ये कानून बनाया गया है. इसके बाद इस कानून का विरोध शुरू हो गया. देश के वातावरण में तनाव आ गया.

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Posted By : Vishwat Sen

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