नई दिल्ली : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को पूर्वोत्तर में हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर का दौरा करने का ऐलान किया है. इससे पहले, उन्होंने राज्य के लोगों से शांति एवं सद्भावना बनाए रखने की अपील की है. इसके साथ ही, उन्होंने मणिपुर के लोगों से वादा भी किया है कि समाज के सभी वर्गों के लोगों को न्याय दिया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कामरूप जिले के चांगसारी क्षेत्र में स्थापित होने वाले राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (एनएफएसयू) के दसवें राष्ट्रीय परिसर का शिलान्यास करते हुए कहा कि विवाद के समाधान में मदद के लिए वह पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करेंगे.
तीन दिन तक मणिपुर में रहेंगे अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं जल्द ही मणिपुर जाऊंगा और वहां तीन दिन रहूंगा, लेकिन उससे पहले दोनों गुटों को आपस में अविश्वास और संदेह दूर करना चाहिए और सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य में शांति बहाल हो. उन्होंने कहा कि केंद्र यह तय करेगा कि राज्य में हुई झड़पों में पीड़ित परिवार के लोगों को न्याय मिले, लेकिन लोगों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए बातचीत करनी चाहिए.
ताजा हिंसा में एक की मौत, एक घायल
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मणिपुर दौरे को लेकर यह बयान ऐसे वक्त में दिया है, जब हिंसा प्रभावित मणिपुर में ताजा हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया. मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गुरुवार को संदिग्ध उग्रवादियों ने चुराचांदपुर में अभी हाल ही में हुई जातीय हिंसा में विस्थापित हुए लोगों के एक समूह पर गोलियां चलाईं. ये लोग बिष्णुपुर के मोइरांग में एक राहत शिविर में शरण लिये हुए थे.
कांग्रेस ने अमित शाह पर साधा निशाना
उधर, मणिपुर दौरे के लिए अमित शाह की ओर से घोषणा किए जाने से पहले कांग्रेस ने उनके असम दौरे को लेकर निशाना साधा था. उसने कहा कि अमित शाह गुवाहाटी का दौरा कर सकते हैं, लेकिन 22 दिन से जल रहे मणिपुर की यात्रा करना उचित नहीं समझते. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज गुवाहाटी दौरे पर हैं, लेकिन मणिपुर जो 22 दिनों से जल रहा है, वहां जाना उचित नहीं समझते. रमेश ने कहा कि यह वही केंद्रीय गृह मंत्री हैं, जिन्होंने कर्नाटक में 16 रैलियां और 15 रोड शो किए, लेकिन मणिपुर के लोगों के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं, जो तथाकथित डबल इंजन सरकार की विचारधारा और राजनीति के कारण बहुत पीड़ा झेल रहा है.