नयी दिल्ली: विख्यात शिक्षाविदों ने आज दुख जताया कि मुख्यधारा के मीडिया का एक धडा चुनाव संबंधी खबरों का कवरेज करने में ‘‘पक्षपाती है और उसमें गहराई की कमी’’ है.
‘मीडिया और चुनाव : सहमति बनाना’ विषय पर इतिहासविद् मुकुल केशवन ने कहा, ‘‘आम चुनावों के सिलसिले में मीडिया कवरेज में सूचना की कमी है. टीवी पत्रकारिता में काफी संख्या में बिना स्रोत के जानकारी दी जा रही है.’’ पैनल में जेएनयू की प्रोफेसर सुधा पई, राजनीति विज्ञानी जोया हसन और पत्रकार विद्या सुब्रह्मण्यम शामिल थीं.
हसन ने कहा, ‘‘मीडिया के एक धडे ने भाजपा के विकास पर ध्यान केंद्रित करने को चुनौती नहीं दी है और न ही हिंदुत्व के रुप में उसके बढने पर खबर की है. कई टीवी चैनलों ने संप्रग के खराब प्रदर्शन को ही बार-बार दिखाया है.’’ उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों के मीडिया कवरेज में चुनावों की राष्ट्रपति शैली पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.