नयी दिल्ली : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिलक लेन स्थित उस आवास को छोड़ने के लिए मई में अपनी बेटी की परीक्षा पूरी होने तक का समय मांगा है जिसमें वह मुख्यमंत्री बनने के बाद रहने लगे थे. सूत्रों ने कहा कि दिल्ली सरकार के लोक निर्माण विभाग ने केजरीवाल को पत्र भेजकर उनसे तत्काल प्रभाव से घर खाली करने को कहा था. वह पहले ही 15 दिन की समयसीमा पूरी कर चुके थे जिसमें कि किसी मंत्री को पद छोड़ने के बाद अपना सरकारी आवास छोड़ना होता है.
केजरीवाल ने 14 फरवरी को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया था और इस लिहाज से उन्हें 1 मार्च तक सरकारी फ्लैट को छोड़ देना चाहिए था.शहरी विकास मंत्रालय ने तिलक लेन स्थित फ्लैट सी-11-23 को लौटाने के लिए दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा था जो मुख्यमंत्री बनने के बाद केजरीवाल को आवंटित किया गया था.
पीडब्ल्यूडी ने 15 दिन की समयसीमा समाप्त होने के बाद भी एक हफ्ते और बढ़ाकर केजरीवाल को 8 मार्च तक के लिए नोटिस जारी किया था. खबरों के मुताबिक अधिकारियों को आशंका थी कि अगर फिर से आप की सरकार आ जाती है तो उनके लिए दिक्कतें खड़ी हो सकती हैं.
नियम के अनुसार 15 दिन की अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी मंत्री अधिकतम छह महीने तक सरकारी आवास में रह सकते हैं लेकिन उन्हें बाजार मूल्य से काफी ज्यादा किराया देना होगा.इस मामले में केजरीवाल जिस घर में रहने के लिए समय बढ़ाने की मांग कर रहे हैं, उसके लिए उन्हें 65 गुना तक अधिक किराया अदा करना पड़ सकता है जो 2.58 लाख रूपये प्रति माह होगा.