नयी दिल्ली : सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उडान’ के तहत पांच एयरलाइन कंपनियां 128 मार्गों पर उडानों का परिचालन करेंगी. इनमें 30 हवाईअड्डे ऐसे भी हैं जिनका अभी इस्तेमाल नहीं होता है. इस योजना में एक घंटे की उड़ानके लिए अधिकतम किराया 2,500 रुपये होगा.
नागर विमानन सचिव आर एन चौबे ने आज यहां कहा कि उड़ान (उडे देश का आम नागरिक) योजना के तहत पहली उड़ानअगले महीने शुरु होने की उम्मीद है. कुल 70 हवाई अड्डों को उड़ानयोजना से जोडा जाएगा. इनमें 31 हवाई अड्डे ऐसे हैं जिनका बिल्कुल इस्तेमाल नहीं हो रहा जबकि 12 हवाई अड्डे ऐसे हैं जिनका कम इस्तेमाल हो रहा है.
नागर विमानन सचिव चौबे ने आज बोली में विजेताओं तथा मार्गों की घोषणा की. उन्होंने बताया कि कुल 128 मार्ग पांच विमानन कंपनियों को आवंटित किए गए हैं. ये विमानन कंपनियां हैं…. एयर इंडिया की अनुषंगी एयरलाइन एलाइड सर्विसेज, स्पाइसजेट, एयर डेक्कन, एयर ओडिशा तथा टर्बो मेघा. ये विमानन कंपनियों इन मार्गों पर 19 से 78 सीटों के विमानों को उडायेंगी.
इन उडानों से 20 से अधिक राज्यों और संघशासित प्रदेशों के हवाई अड्डों को जोडा जाएगा। इनमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और पुडुचेरी शामिल हैं. उड़ानसे जो अन्य हवाई अड्डे जुडेंगे उनमें बठिंडा, शिमला, बिलासपुर, नेवेली, कूच बिहार, नांडेड तथा कडापा शामिल हैं. चौबे ने कहा कि प्रत्येक उड़ान में 50 प्रतिशत सीटों के लिए अधिकतम किराये की सीमा 2,500 रुपये प्रति सीट (एक घंटा) आरक्षित रहेगी.
एयरलाइन एलाइड सर्विसेज 15 मार्गों, स्पाइसजेट 11, टर्बो मेघा एयरवेज 18, एयर डेक्कन 34 और एयर ओडिशा एविएशन 50 मार्गों पर परिचालन करेगी. उड़ान के तहत ऑपरेटरों को उनकी परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए वित्त सुविधा दी जाएगी. इसके लिए आंशिक रुप से पैसा दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख मार्गों की उडानों पर 8,500 रुपये तक का शुल्क लगाकर जुटाया जाएगा. चौबे ने बताया कि पहले दौर की बोली में चुने गए ऑपरेटरों के लिए परियोजना को व्यावहारिक बनाने की लागत सालाना 205 करोड रुपये बैठने का अनुमान है. उन्होंने बताया कि पहले दौर में चुने गए हवाई अड्डे उडानों के लिए तैयार हैं या तैयार होने वाले हैं.
नागर विमानन राज्यमंत्री जयंत सिन्हा ने कहा कि ऑपरेटरों को चुनने का मानदंड प्रत्येक की प्रति सीट परियोजना को व्यावहारिक बनाने के स्तर पर आधारित है. स्पाइसजेट के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अजय सिंह ने कहा कि उनकी एयरलाइन परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए वित्तीय मदद नहीं लेगी. वहीं केपीएमजी इंडिया के वैमानिकी एवं रक्षा प्रमुख तथा भागीदार अंबर दुबे ने कहा कि उड़ानके सतत परिचालन के लिए समय पर परियोजना को व्यावहारिक बनाने के लिए वित्त का भुगतान किया जाना जरुरी है.