जेटली ने DRDO की ओर से विकसित तीन नौसैनिक प्रणालियां नौसेना को सौंपी

नयी दिल्ली : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित तीन नौसैनिक प्रणालियां शनिवार को रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने नौसेना को सौंपी. भारतीय नौसेना को दी गयी नौसैनिक प्रणालियां यूएसएचयूएस-2 पनडुब्बी सोनार, ‘हल-माउंटेड सोनार ऐरे’ के लिए निर्देशक गियर और पोत अनुप्रयोगों के लिए जडत्वीय नौवहन प्रणाली शामिल हैं. सोनार पानी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 24, 2017 10:46 PM

नयी दिल्ली : रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ओर से विकसित तीन नौसैनिक प्रणालियां शनिवार को रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने नौसेना को सौंपी. भारतीय नौसेना को दी गयी नौसैनिक प्रणालियां यूएसएचयूएस-2 पनडुब्बी सोनार, ‘हल-माउंटेड सोनार ऐरे’ के लिए निर्देशक गियर और पोत अनुप्रयोगों के लिए जडत्वीय नौवहन प्रणाली शामिल हैं.

सोनार पानी के अंदर और उपर के वस्तुओं का पता लगा सकता है और नवीनतम प्रणालियों से नौसेना के नौवहन एवं संचार नेटवर्क में अच्छी-खासी बढ़ोत्तरी हो सकती है. इस मौके पर जेटली ने स्वदेशीकरण के जरिए भारत की सैन्य क्षमताएं बढ़ाने में डीआरडीओ के सतत प्रयासों की सराहना की. ये प्रणालियां नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा को सौंपी गयी.

डीआरडीओ प्रमुख एस क्रिस्टोफर ने अपने संबोधन में कहा कि रक्षा खरीद परिषद ने डीआरडीओ के लिए 2.56 लाख करोड़ रुपये के ऑर्डर को मंजूरी दी, जिसमें एक लाख करोड़ रुपये पिछले दो साल में रहे हैं. जेटली ने डीआरडीओ की ओर से विकसित दो अन्य उत्पाद – आईपी आधारित ‘सेक्योर’ फोन और गॉलियम नाइड्राइड प्रौद्योगिकी – भी जारी किये.

एक वैज्ञानिक ने बताया कि गॉलियम नाइड्राइड प्रौद्योगिकी से अगली पीढी के रेडारों, अन्वेषकों और संचार प्रणालियों के विकास में बहुत मदद मिलेगी. इसका उपयोग हल्के लड़ाकू विमान में किया जा सकेगा.

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