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बीएमबी से स्पीडअप होगी साइकिल

।।राजेंद्र कुमार।। लखनऊ : मिशन 2014 को भेदने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) की गतिविधियां तेज हो गयी हैं. इसके तहत अब बीएमबी यानी बैकवर्ड-मुस्लिम-ब्राह्मण वोटबैंक को सपा के बैनर तले लाने की कवायद शुरू हुई है. पार्टी का मानना है कि ब्राह्मण और 60 प्रतिशत पिछड़ी जातियां एकजुट होकर यदि उसके मुस्लिम वोटबैंक के […]

।।राजेंद्र कुमार।।

लखनऊ : मिशन 2014 को भेदने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) की गतिविधियां तेज हो गयी हैं. इसके तहत अब बीएमबी यानी बैकवर्ड-मुस्लिम-ब्राह्मण वोटबैंक को सपा के बैनर तले लाने की कवायद शुरू हुई है.

पार्टी का मानना है कि ब्राह्मण और 60 प्रतिशत पिछड़ी जातियां एकजुट होकर यदि उसके मुस्लिम वोटबैंक के साथ आ जाए तो कोई भी ताकत सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनने से रोक नहीं पाएगी. इस सोच के तहत सपा जिला व मंडलस्तर पर ब्राह्मण और पिछड़ी वर्ग सम्मेलन करने में जुट गयी है. इन सम्मेलनों से सपा की साइकिल स्पीडअप होगी, यह पार्टी नेताओं का दावा है.

पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी के अनुसार समाजवादी चिंतक डॉ लोहिया पिछड़ों को 60 प्रतिशत हिस्सेदारी देने के पक्षधर थे. सपा उनकी इस विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए सारी पिछड़ी जातियों के साथ मुस्लिमों के ध्रुवीकरण में जुटी है. जिसके तहत सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले पर काम करते हुए पिछड़ों के साथ अति पिछड़ी जातियों को जोड़ने के लिए सभाएं करनी शुरू की हैं और संगठन में भी इन्हें जगह देने में उत्साह दिखाया है.

इसी क्रम में सपा मुख्यालय पर पिछड़ा वर्ग सममेलन का आयोजन हुआ. जिसमें सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने यादव समाज को साफ संदेश दिया कि वह बड़े भाई की मानिंद दूसरी पिछड़ी जातियों को कंधे पर बैठा कर आगे ले जाएं. उन्होंने यह भी कहा कि पिछड़े वर्गों की ताकत से ही होगी दिल्ली फतह.

पिछड़ी जातियों की ताकत का सपा प्रमुख मुलायम सिंह को अहसास है. वह निजी बातचीत में कहते हैं कि हिंदू और मुस्लिम पिछड़ों की आबादी 55-60 के बीच है. यह एकजुट हो जाएं तो सपा को केंद्र में हुकूमत मिलने में देर नहीं होगी. इसके बाद भी वह लोध, निषाद, पाल, विश्वकर्मा, राजभर और कुर्मी बिरादरियों में आपसी सामंजस्य नहीं बना सके. ऐसे में अब सपा प्रमुख ने पिछड़ी जातियों के बीच अर्से से पसरी बदमजगी को कम करने के लिए जिला और मंडल स्तर पर पिछड़ा वर्ग सम्मेलन आयोजित करने की पहल की है. इन सम्मेलनों को आयोजित करने का जिम्मा उन्होंने सपा पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष नरेश उत्तम को सौंपा है. सपा प्रमुख कहते हैं कि इन सम्मेलनों में पिछड़ी जातियां के लोग अपने मतभेद भुलाकर एक साथ जुटेंगे.

ब्राह्मण समाज को भी सपा के साथ लाने के लिए मुलायम सिंह कुछ ऐसा ही कर रहे हैं. हाल ही में परशुराम जयंती में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव ने सपा मुख्यालय पर आयोजित परशुराम जयंती के समारोह में ब्राह्मण समाज की जमकर तारीफ की. मुख्यमंत्री और उनके चाचा ने बसपा सरकार में ब्राह्मणों पर दर्ज हुए दलित उत्पीड़न के मामलों को वापस लेने के साथ ही लोकसभा चुनावों में ब्राह्मण प्रत्याशियों को टिकट देने का ऐलान किया.

इसके अलावा राज्यमंत्री मनोज पाण्डेय और पवन पांडेय को मंडल स्तर पर सम्मेलन कर ब्राह्मण नेताओं को पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारी दी. इन सम्मेलनों के माध्यम से सपा नेता यह बताएंगे कि कैसे बसपा सरकार में ब्राह्मण और पिछड़े वर्ग की अनदेखी की गई. उनका उत्पीड़न हुआ. इसलिए अब पिछड़ा वर्ग और ब्राह्मण समाज के लोग सपा का साथ देंते हुए ब्राह्मण-मुस्लिम और बैकवर्ड का एक अटूट गठजोड़ बनाये. जिसके जरिए सपा की साइकिल को दिल्ली कूच के लिए स्पीडअप किया जाए.

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