नयी दिल्ली/ पटना/ काठमांडो : कानपुर और देश में हुए कुछ दूसरे रेल हादसों के मामले में संदिग्ध पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के एजेंट शमशुल हुडा को दुबई से नेपाल प्रत्यर्पित किया गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार कानपुर रेल हादसे के मुख्य संदिग्धों में से एक को दुबई से वापस भेजे जाने के बाद यहां त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया. आपको बता दें कि यह हादसा गत वर्ष नवंबर माह में हुआ था जिसमें करीब 50 लोगों की जान गई थी.
खबर है कि काठमांडू में भारतीय खुफिया एजेंसी मौजूद है और हुदा से वहां पूछताछ जारी है.
नेपाल पुलिस के एक विशेष दल ने शमशुल हुडा को तीन अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) पशुपति उपाध्याय ने बताया कि हुडा को सोमवार को त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से हिरासत में लिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘हमें जानकारी थी कि गत वर्ष कानपुर में हुए एक रेल हादसे में हुडा वांछित है. इस हादसे में 150 लोगों की मौत हो गयी थी.’ उपाध्याय ने कहा, ‘‘भारत में आपराधिक गतिविधियों में हुडा की कथित संलिप्तता के मामले में भी नेपाल पुलिस भारत की पुलिस के साथ करीबी समन्वय के साथ काम करेगी.’
गिरफ्तार तीन अन्य लोगों की पहचान बृज किशोर गिरि, आशीष सिंह और उमेश कुमार कुर्मी के रुप में हुयी है. ये सभी दक्षिणी नेपाल के कलैया जिले के रहने वाले हैं. डीआईजी उपाध्याय ने बताया कि इंटरपोल के सहयोग से पुलिस हुडा और अन्य तीन आरोपी अपराधियों को दुबई से नेपाल लायी. पुलिस ने बताया कि हुडा नेपाल के बारा जिले में दोहरे हत्याकांड के एक मामले का मास्टरमाइंड है. उपाध्याय ने बताया कि हुडा के अंतरराष्ट्रीय आपराधिक संगठनों से संबंध है और वह नेपाल तथा भारत में कई आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहा है. उन्होंने बताया कि उसके खिलाफ बारा की जिला अदालत में पहले से ही एक मामला दर्ज है.
बिहार पुलिस ने जनवरी में तीन लोगों को गिरफ्तार कर दावा किया था कि वे भारतीय रेलवे को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के लिए काम कर रहे थे. इसके बाद इस दुर्घटना में आईएसआई की भूमिका की भी जांच की जा रही है. बिहार पुलिस के अनुसार इन तीनों आरोपियों को हुडा से जुडे एक व्यक्ति ने तीन लाख रुपये दिये थे.