नयी दिल्ली: स्वयंभू धार्मिक गुरु ‘निर्मल बाबा’ को मिल रहे ‘दसवंद’ ने उन्हें संकट में डाल दिया है. निर्मल बाबा को 3.5 करोड़ रुपये की कथित सेवाकर चोरी का नोटिस भेजा गया है. दसवंद श्रद्धालु की आय का दसवां हिस्सा है जो (बाबा को) दान में प्राप्त करते हैं.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग ने इस आधार पर नोटिस जारी किया है कि ‘समागम’ में आने वाले श्रद्धालुओं से एक ‘सेवा’ के लिए दसवंद वसूला जाता है.‘निर्मल दरबार’ की गतिविधियां जुलाई, 2012 के बाद उत्पाद शुल्क विभाग की नजर में आई. जुलाई, 2012 में और सेवाओं को ‘सेवाकर’ दायरे में लाने के लिए एक नकारात्मक सूची जारी की गई थी. उन्होंने कहा कि निर्मल बाबा के खिलाफ दसवंद संग्रह को लेकर करीब 3.5 करोड़ रपये का नोटिस दिया गया है.निर्मल दरबार को भेजे गए ई.मेल का कोई जवाब नहीं आया. इसी तरह, फोन किए जाने पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.
निर्मल दरबार के एक कर्मचारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘‘ हमारे यहां मीडिया से बातचीत करने के लिए कोई व्यक्ति नहीं है. कृपया हमारी वेबसाइट पर दिए गए पते पर ई.मेल भेजें.’’ निर्मल बाबा के वेबसाइट के अनुसार उनके समागम में शामिल होने के लिए प्रति व्यक्ति 3,000 रुपये (कर सहित) पंजीकरण शुल्क का भुगतान करना होता है, जबकि ‘शो’ में शामिल होने का खर्च प्रति व्यक्ति 5,000 रुपये (कर सहित) है.