नयी दिल्ली: भारत में 29वें राज्य तेलंगाना के गठन का मार्ग प्रशस्त करते हुए इससे संबंधित बहुचर्चित एवं विवादास्पद विधेयक को आज संसद की मंजूरी मिल गयी और प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि सीमांध्र क्षेत्र के लोगों की हितों की पूरी तरह से रक्षा की जायेगी.
राज्यसभा में आज दिन भर चले हंगामे और कई बार के स्थगन के बाद सदन ने आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2014 विपक्ष द्वारा लाए गए संशोधनों को खारिज करते हुए ध्वनिमत से पारित कर दिया. विधेयक पर मत विभाजन नहीं करवाने के विरोध में माकपा, सपा और बीजद के सदस्यों ने सदन से वाकआउट किया. लोकसभा इस विधेयक को दो दिन पहले ही मंजूरी दे चुकी है.
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उच्च सदन में ऐलान किया कि आंध्र प्रदेश के विभाजन के बाद बनने वाले राज्यों को छह सूत्री विकास पैकेज दिया जाएगा. सीमांध्र को विशेष पैकेज दिए जाने की भी घोषणा की गयी.प्रधानमंत्री ने विधेयक पर चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि विभाजन के बाद बनने वाले दोनों राज्यों में औद्योगिकीकरण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए कर रियायतें प्रदान की जाएंगी.
विधेयक पर चर्चा के दौरान तेदेपा के सीएम रमेश और वाई एस चौधरी तथा तृणमूल कांग्रेस के कई सदस्य आसन के समक्ष लगातार नारेबाजी करते रहे. प्रधानमंत्री एवं गृह मंत्री सुशीलकुमार शिंदे तथा अन्य दलों के वरिष्ठ नेता जब सदन में बोल रहे थे, उस दौरान तृणमूल के सदस्य नारेबाजी करने के साथ कागज फाड़कर हवा में उछाल रहे थे.