नयी दिल्ली : अंतरिम बजट में सशस्त्र सेनाओं के लिए ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना को स्वीकार करने के फैसले का मुख्य विपक्षी दल भाजपा और सत्तारुढ़ कांग्रेस के साथ राजद, बीजद, बसपा समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने स्वागत किया है हालांकि इनका कहना है कि यह देर से लिया गया फैसला है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ पहली बार इस सरकार :संप्रग सरकार: ने कोई ठीक काम किया है जो सशस्त्र सेनाओं के लिए ‘वन रैंक वन पेंशन’ से संबंधित है.’’ उन्होंने कहा कि काफी समय से इसकी मांग की जा रही थी और यह कदम देर से उठाया गया और सशस्त्र सेनाओं के लिए पृथक वेतन आयोग से ही उनकी समस्याओं का निदान किया जा सकता है.रक्षा राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा, यह सही है कि लम्बे समय से यह मांग चल रही थी. सरकार ने पिछले पांच वर्षो में इस संबंध में दो तिहाई मांग पूरी कर दी थी और केवल एक तिहाई ही शेष बची थी. आज सरकार से सैन्यकर्मियों की भावनाओं का ख्याल रखते हुए इसे पूरा कर दिया है. उन्होंने आरोप लगाया कि वन रैंक वन पेंशन पर भाजपा की ओर से भी कोई ठोस वादा नहीं किया गया और उनके एक बड़े नेता (मोदी) ने अपनी किसी रैली में इसका जिक्र नहीं किया.
सिंह ने कहा कि रक्षा बजट में 10 प्रतिशत वृद्धि स्वागत योग्य कदम है. बीजद के जे पांडा ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन की काफी समय से मांग की जा रही थी और 9 साल बाद आज सरकार ने इस पर निर्णय किया. यह फैसला काफी पहले लिया जाना चाहिए था. कार्यकाल के अंत में यह निर्णय किया. यह देर से लिया गया फैसला है, हालांकि हम इसका स्वागत करते हैं. कांग्रेस के जगदम्बिका पाल ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन सैन्यकर्मियों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है. यह अच्छा फैसला है जिसका हम स्वागत करते हैं. राजद के रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन की मांग बहुत वर्षो से की जा रही थी. सरकार ने आज यह फैसला लिया है. यह फैसला पहले ही किया जाना चाहिए था.
संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन के लिए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पहल की थी और जोर लगाया था. सरकार ने इस पर निर्णय किया है और बजट में इसे स्थान दिया है. यह स्वागतयोग्य है. भाकपा के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि वन रैंक वन पेंशन का स्वागत करते हैं लेकिन यह सब फैसला चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया गया है. गौरतलब है कि चिदंबरम ने अंतरिम बजट में सशस्त्र सेनाओं के लिए ‘वन रैंक वन पेंशन’ योजना कार्यान्वित करने के उद्देश्य से वर्तमान वित्त वर्ष में रक्षा पेंशन खाते के लिए 500 करोड रुपये का आवंटन किया है. यह निर्णय 2014-15 से भविष्यलक्षी प्रभाव से कार्यान्वित किया जाएगा.
उल्लेखनीय है कि सेवानिवृत सैन्यकर्मी इसकी काफी समय से मांग करते रहे हैं. इस विषय पर भाजपा ने जंतर मंतर पर प्रदर्शन किया था. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में इसे लागू करने की मांग की थी, जिसके बाद कैबिनेट ने इसे मंजूरी दी थी. सरकार ने प्रत्येक रैंक से सेवानिवृत्त होने वाले कार्मिकों की पेंशन में अंतर को समाप्त करने का फैसला किया है. सैन्यकर्मियों के लिए यह एक भावनात्मक मुद्दा रहा है.