सूरत : एक ब्रिटिश इतिहासकार ने अपने लेक्चर के दौरान भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद को आतंकवादी (टेररिस्ट) कह कर एक नये विवाद को जन्म दिया है. यूनिवर्सिटी ऑफ वॉरविक में इतिहास के प्रो डेविड हार्डिमन ने लेक्चर के दौरान भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के शहीदों भगत सिंह व चंद्रशेखर आजाद को आतंकी समूहों का सदस्य बताया.
हार्डिमन ने भगत सिंह व आजाद के स्वतंत्रता के लिए किये गये कार्यों को आतंकी गतिविधियां बताया. हार्डिमन की बात का विरोध होने पर, कहा कि अपमाजनक अर्थ में इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया. हार्डिमन सेंटर फॉर सोशल स्टडीज में 24वें आइपी देसाई मेमोरियल लेक्चर के दौरान नॉनवॉयलेंट रेसिस्टेंस इन इंडिया ड्यूरिंग 1915-1947 विषय पर बोल रहे थे.
उन्होंने कहा, हर अहिंसक आंदोलन के साथ हिंसक समूह भी होता था, जिसका उद्देश्य भी समान होता है. यह समूह अक्सर विस्फोटों, गोलीबारी और हत्या जैसी आतंकी गतिविधियों को अंजाम देता है. इससे अहिंसक आंदोलन को फायदा होता है, क्योंकि अथॉरिटीज को लगता है कि खतरनाक आतंकियों से बात करने के मुकाबले अहिंसक लोगों से बात करना ज्यादा आसान है.
हार्डिमन ने आगे कहा, महात्मा गांधी से पहले आये ये आतंकी संगठन उनके आंदोलनों के दौरान भी सक्रिय रहे. इनमें भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद जैसे लोग प्रमुख थे जो हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन और हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी से जुड़े हुए थे. हार्डिमन का जन्म 1947 में रावलपिंडी में हुआ था जहां उनके पिता एक ब्रिटिश आर्मी ऑफिसर के रूप में तैनात थे. हार्डिमन की टिप्पणियों का स्थानीय लोगों और नेताओं ने जोरदार विरोध किया है.