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शीतकालीन सत्र: नोटबंदी पर राज्यसभा में ठनी, आज जवाब देंगे वित्त मंत्री अरुण जेटली

नयी दिल्ली : शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में विपक्ष ने नोटबंदी के मुद्दे को लेकर सरकार पर जबरदस्त हमला बोला और सरकार पर देश में आर्थिक अराजकता फैलाने का आरोप लगाया. यह भी आरोप लगाया कि इस फैसले को कथित रूप से चुनिंदा ढंग से लीक किया गया, जिसकी संयुक्त संसदीय समिति से […]

नयी दिल्ली : शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में विपक्ष ने नोटबंदी के मुद्दे को लेकर सरकार पर जबरदस्त हमला बोला और सरकार पर देश में आर्थिक अराजकता फैलाने का आरोप लगाया. यह भी आरोप लगाया कि इस फैसले को कथित रूप से चुनिंदा ढंग से लीक किया गया, जिसकी संयुक्त संसदीय समिति से जांच करायी जानी चाहिए. चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस, जदयू, राजद, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस, वाम व अन्नाद्रमुक ने इस फैसले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी को निशाने पर लिया.आज राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली जवाब देंगे.

सदन में चर्चा की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने कहा कि सरकार सबसे पहले बताये कि काले धन की परिभाषा क्या है. किसान धोती में क्रेडिट कार्ड लेकर नहीं चलता. उन्होंने कहा कि, आतंकवाद, काला धन, भ्रष्टाचार, नकली मुद्रा के मुद्दे पर पूरा सदन एकजुट है, लेकिन प्रधानमंत्री की अचानक की गयी इस घोषणा से देश में आपात स्थिति पैदा हो गयी है. इस कदम से न केवल आर्थिक अराजकता पैदा हुई, बल्कि नकदी से चलनेवाली अर्थव्यवस्था की रीढ़ ही टूट गयी. हकीकत यह है कि हमारी अर्थव्यवस्था नकदी के लेन-देन की है. आम आदमी, छोटे व्यापारी, किसान, गृहणियां अपने साथ क्रेडिट कार्ड और चेकबुक ले कर नहीं चलतीं. शर्मा ने पूछा कि जब पीएम ने काले धन की बात कही, तब क्या उन्होंने इस बात को ध्यान में रखा था कि कोई किसान धोती में क्रेडिट या डेबिट कार्ड बांध कर बाजार नहीं जाता है. क्या बाजार में, घरों में, किसानों, मजदूरों, सरकारी कर्मियों के पास काला धन था. सरकार को यह कदम उठाने से पहले कोई समय सीमा बतानी चाहिए थी. सरकार कहती है कि पहले बताने से आतंकियों को, जाली नोट वालों को फायदा होता, लेकिन यह तर्क समझ से परे है.

बिना तैयारी के लिए गया फैसला – मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि नोटबंदी पर फैसला बिना तैयारी के लिए गया. पूरे देश में ऐसा महसूस हो रहा है जैसे आर्थिक इमरजेंसी लग गयी हो. देश के कोने-कोने में चाहे शहर हो या देहात भारत बंद जैसा माहौल लग रहा है. लोग परेशान हैं, कई लोगों की मौत भी हुई है. अस्पतालों में भी लोगों का बुरा हाल है. किसानों के पास बीज खाद के पैसे नहीं है. लोगों को रोजमर्रा की चीजें खरीदने में दिक्कत आ रही है.

कैशलेस इकोनॉमी की बात न करें – येचुरी

माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि देश के 130 करोड़ लोगों में से केवल 2.6 करोड़ लोगों के पास ही क्रेडिट कार्ड है. देश की बड़ी आबादी की पहुंच इंटरनेट तक नहीं है. इसलिए स्वीडन जैसे देश की तरह कैशलेस इकोनॉमी की बात न ही की जाये, तो अच्छा है. येचुरी ने चर्चा में यह भी आरोप लगाया कि वित्त मंत्री ने विदेशी वित्त पोषण के लिए एफसीआरए में संशोधन किया. इस पर हस्तक्षेप करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि भारतीय कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए एक छोटा संशोधन लाया गया था, ताकि वे भारतीय खातों में धन डलवा सकें.

लीकेज की अफवाह – शरद

जदयू के शरद यादव ने कहा कि बैंकों में लाइन में खड़े हर आदमी के हाथ रंगे जा रहे हैं. 4000 वाले आदमी को स्याही लगा रहे हो आप. यानी चूना लगा रहे हो. नोटबंदी के लीकेज का पूरे देश भर में अफवाह है. उन्होंने कहा कि नये नोटों पर उर्जित पटेल (आरबीआइ गवर्नर) का भी हस्ताक्षर है, जबकि वे दो दो महीने पहले आये हैं. पीएम कह रहे हैं कि छह महीने पहले से काम हो रहा था.

ईमानदार का सम्मान, बेईमान को हो रहा नुकसान : सरकार

सरकार ने विपक्ष के आरोप को आधारहीन बताया. सदन में नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्ष के विभिन्न नोटिसों के बाद कार्य स्थगन पर हुई चर्चा में विपक्ष के तीखे हमलों के जवाब में सरकार ने कहा कि यह कदम राष्ट्रहित में उठाया गया है. केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार, काला धन और आतंकवाद पर लगाम कसने के उद्देश्य से 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों को अमान्य करने के मोदी सरकार के फैसले का देश ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा लेकिन कुछ लोगों का इस बारे में चिंतित होना स्वाभाविक भी है. इससे देश में ईमानदार का सम्मान हुआ है और बेईमान का नुकसान हुआ है. इस कदम की वजह से कुछ परेशानी तो होनी ही थी, लेकिन इसके बावजूद लोगों ने इस कदम का समर्थन किया है.

हां, ऐसे लोग भी हैं जो इस कदम से खुश नहीं हैं. यह भ्रष्टाचार, आतंकवाद, नशीली दवाओं के खिलाफ लड़ाई की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. दावा किया कि उपलब्ध दस्तावेजों और रिपोर्टों के आधार पर भारतीय रिजर्व बैंक ने महसूस किया कि बड़ी मात्रा में रकम या तो वितरित नहीं हो रही है या सरकारी खजाने में नहीं आ रही है. उसने विश्लेषण कर पाया कि यह रकम छिपा कर रखी गयी है. नोटबंदी के फायदे बताते हुए गोयल ने कहा कि दीर्घकाल में ब्याज दरें कम हो जायेंगी, महंगाई घटेगी और करों की दरें नीचे आयेंगी. गोयल ने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि सरकार को उन लोगों के नामों का खुलासा करना चाहिए, जिनके स्विस बैंक और अन्य विदेशी बैंकों में खाते हैं. लेकिन अगर ऐसा किया गया तो सरकार के लिए ऐसे खातों के बारे में और जानकारी हासिल करना मुश्किल हो जायेगा. चर्चा में केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने भी हस्तक्षेप किया और कहा कि यह ऐतिहासिक कदम कालाधन के खिलाफ युद्ध और महायज्ञ है. लोग परेशानी उठाने के बाद भी लोग प्रधानमंत्री की प्रशंसा कर रहे हैं, क्याेंकि उन्हें सरकार की नीयत पर भरोसा है. उन्होंने स्वीकार किया कि नोटबंदी के फैसले से लोगों को परेशानी हो रही है, लेकिन यह अल्पकालिक है.

विपक्ष ने पूछे दो सवाल

आठ नवंबर को जब यह एलान किया गया तब 16 लाख 63 हजार करोड़ के नोट चलन में थे. इनमें से 86.4 फीसदी राशि 500 व 1000 रुपये के नोटों की थी. सवाल है कि क्या 86.4 फीसदी पैसा काले धन का था, जो बाजार में लगा था.

पीएम मोदी ने गाजीपुर में अपनी एक रैली में कहा कि उनकी जान को खतरा है. यह चिंता की बात है. पीएम को बताना चाहिए कि उनकी जान को किन लोगों से या किन संगठनों से खतरा है.

सरकार ने बताये दो फायदे

इस फैसले से देश में भ्रष्टाचार, कालाधन एवं आतंकवादी गतिविधियों पर लगाम लगेगी और दीर्घकाल में अर्थव्यवस्था को लाभ मिलेगा.

दीर्घकाल में ब्याज दरें कम हो जायेंगी, महंगाई घटेगी और करों की दरें नीचें आयेंगी. यदि पांच फीसदी लोग भी कर नहीं देते, तो उसका खामियाजा 95 फीसदी लोगों को भुगतना पड़ता है. यदि कर दिया जाता है, तो सरकार के पास कल्याणकारी कार्य के लिए अधिक धन उपलब्ध होगा.

लोस में कार्यस्थगन प्रस्ताव आज

कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दलों की गुरुवार को लोकसभा में भी नोटबंदी के मुद्दे पर कार्यस्थगन का प्रस्ताव लाने की योजना है. विपक्षी नेताओं का कहना है कि यह पहल बड़े नोटों को अमान्य करने के कारण किसानों, मजदूरों व छोटे कारोबारियों समेत आम लोगों को हो रही परेशानियों को रेखांकित करने की योजना है. बुधवार को दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि देने के बाद लोकसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी.

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