नयी दिल्ली: दिल्ली में पंद्रह साल के कार्यकाल का अंत करने वाला पिछला विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के लिए ‘‘अप्रत्याशित और यादगार’’ था क्योंकि लोग ‘‘बदलाव’’ चाहते थे.
75 वर्षीय दीक्षित ने आज एक समारोह में कहा, ‘‘वह एक अप्रत्याशित और यादगार चुनाव था. बदलाव की चाहत थी. वह इच्छाएं पूरी होंगी या नहीं यह हम आने वाले दिनों में देखेंगे.’’ जनलोकपाल विधेयक को लेकर कांग्रेस और आप के बीच चल रहे गतिरोध पर पूर्व मुख्यमंत्री को लगता है कि यदि विधेयक दिल्ली विधानसभा में पारित हो भी जाए तो उसे राष्ट्रपति से मंजूरी नहीं मिलेगी. विधेयक पर उनके विचार पूछने पर दीक्षित ने कहा, ‘‘दिल्ली एक पूर्ण राज्य नहीं है. किसी भी तरीके से राष्ट्रपति इसे मंजूरी नहीं देंगे.’’
मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने धमकी दी है कि अन्य दलों के समर्थन की कमी के कारण यदि जनलोकपाल विधेयक सदन में पारित नहीं होता है तो वह इस्तीफा दे देंगे. केजरीवाल ने केंद्र से विधेयक पर मंजूरी लेने से इनकार कर दिया है जबकि कांग्रेस और भाजपा का कहना है कि पहले मंजूरी लेना आवश्यक है. पूछने पर कि क्या भ्रष्टाचार के मुद्दे का कांग्रेस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है उन्होंने पलट कर सवाल किया, ‘‘क्या भाजपा भ्रष्टाचार मुक्त है ? नरेन्द्र मोदी स्वयं विज्ञापन पर बहुत ज्यादा खर्च कर रहे हैं.’’