नयी दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों का चलन बंद करने को एक ‘‘बड़ा घोटाला’ बताते हुए आज आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा से काफी पहले ही भाजपा ने अपने सभी ‘‘दोस्तों’ को फैसले की जानकारी दे दी थी और इस फैैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की.
उन्होंने केंद्र के इस फैसले को ‘काला बाजारी करने वाले लोगों’ की बजाय आम आदमी की ‘‘छोटी बचत’ पर ‘‘लक्षित हमला’ बताया. केजरीवाल ने अपने दावे को सही साबित करने के लिए कहा कि भाजपा की पंजाब शाखा के अध्यक्ष संजीव कम्बोज मोदी की घोषणा से कुछ दिन पहले ही सोशल मीडिया पर 2,000 रुपए के नये नोटों के साथ दिखे थे.
उन्होंने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘जुलाई से सितंबर तक बैंकों में पैसे जमा करने में एकाएक काफी तेजी आयी थी जिससे साफ संकेत मिलते हैं कि भाजपा ने 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों का चलन बंद करने की प्रधानमंत्री की घोषणा से काफी पहले अपने सभी दोस्तों को इसकी जानकारी दे दी थी.’ मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पुराने नोटों का चलन बंद करने से काला धन प्रणाली में वापस नहीं आएगा.
उन्होंने साथ ही एक समाचार चैनल की रिपोर्ट दिखायी जिसमें जुलाई-सितंबर तिमाही में बैंकों में पैसे जमा करने में तेजी आने का दावा किया गया और कहा गया कि उस अवधि से पहले बैंकाें में ‘‘काफी कम’ पैसे जमा थे.
केजरीवाल ने कहा, ‘‘काले धन के नाम पर देश में एकबड़ा घोटाला हो रहा है. एटीएम में पैसा ना होने के कारण लोग परेशान हैं. तड़के से ही लोगों को बैंकों एवं एटीएम के बाहर लंबी कतारोंमेंखड़ा होनापड़ा रहा है. पुराने नोटों का चलन बंद करने से काला धन प्रणाली में नहीं आएगा.’ उन्होंने 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों का चलन बंद करने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से तीन सवाल भी पूछे.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री के अनुसार काले धन की क्या परिभाषा है? देश के शीर्ष उद्योगपति – अंबानी, अडाणी, शरद पवार और बादल ने काला धन जमा किया हुआ है या फिर किसानों, रिक्शाचालकों, दुकानदारों और मजदूरों जैसे आम लोगों ने?’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा को उन लोगों की सूची का खुलासा करना चाहिए जिन्हें उसने प्रधानमंत्री की घोषणा से काफी पहले इसकी जानकारी दे दी थी और उन्होंने इस वजह से अपने काले धन को ठिकाने लगा दिया.’ केजरीवाल ने कहा कि भाजपा को उन दलालों की भी सूची जारी करनी चाहिए जो आम लोगों के अवैध नोट बदलवाने के लिए कमीशन ले रहे हैं, स्थिति का फायदा उठा रहे हैं और वे जो पैसे इकट्ठा कर रहे हैं, वे कहां जा रहे हैं?’