नयी दिल्ली: एक संसदीय समिति ने आज माइक्रो फाइनेंस संस्थानों के विधेयक को खारिज कर दिया. इस विधेयक में माइक्रो फाइनेंस संस्थानों के विनिमयन तथा उनके द्वारा दिये जाने वाले ऋण की ब्याज दर सीमा निर्धारित करने का अधिकार भारतीय रिजर्व बैंक को देने की अपेक्षा की गई है.
इस विधेयक को संसद को लौटाने का फैसला भाजपा के शीर्ष नेता और पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा की अगुवाई वाली वित्त मामलों पर संसद की स्थायी समिति द्वारा अपनी एक बैठक में किया गया.
बैठक के बाद समिति के एक सदस्य ने कहा,हमने माइक्रो फाइनेंस संस्थान (विकास एवं विनियमनः विधेयक, 2012 को लौटा दिया है. हमने इसे मंजूरी नहीं दी है. उन्होंने कहा कि स्थायी समिति माइक्रो फाइनेंस संस्थान :एमएफआई: को विनियमित करने के लिए मसौदा कानून के पक्ष में नहीं था और वह जल्द ही विधेयक पर अपनी रिपोर्ट संसद में पेश करेगी.
इस विधेयक को लोकसभा में मई 2012 में पेश किया गया था और बाद में इसे स्थायी समिति को भेजा गया था.सदस्य ने कहा कि चूंकि 15वीं लोकसभा का यह आखिरी सत्र है, इसलिए यह विधेयक सदन के भंग हो जाने के साथ ही निरस्त हो जायेगा. इन विधेयकों को नई सरकार को पुन: पेश करना होगा.