जोधपुर: आसाराम के यहां स्थित आश्रम में एक लड़की के यौन शोषण के सिलसिले में जोधपुर की एक अदालत ने आज उनके खिलाफ बलात्कार, आपराधिक साजिश रचने और अन्य अपराधों के आरोप तय किए.जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार व्यास ने 72 वर्षीय आसाराम और उनकी सहयोगी एवं सह आरोपी संचिता गुप्ता उर्फ शिल्पी तथा शरद चंद्र के खिलाफ बाल श्रम से जुड़े बाल न्याय अधिनियम की धारा 26 के अलावा पुलिस द्वारा लगाए गए सभी आरोप कायम रखे.
धारा 342 (अवैध बंधक रखने), 354 ए (यौन शोषण), 370 (4) मानव तस्करी, 376 (2) एफ (12 साल से कम उम्र की लड़की से बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी), 509:34 और 120 बी (आपराधिक साजिश रचने) के तहत आरोप तय किए गए हैं.आसाराम के खिलाफ ‘यौन अपराध से बाल संरक्षण’ (पोक्सो) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत भी आरोप तय किया गया है. इन आरोपों पर अधिकतम उम्र कैद की सजा हो सकती है.
सरकारी वकील आरएल मीणा ने बताया कि अदालत ने आसाराम, शिल्पी और शरद को सिर्फ बाल न्याय अधिनियम (जेजे एक्ट) की धारा 26 से राहत दी है, जो जमानत मिलने योग्य अपराध है. अदालत ने आसाराम और अन्य सह आरोपियों के खिलाफ सभी आरोप कायम रखे हैं. उन्होंने बताया कि अदालत अब 13 फरवरी को आरोप सुनाएगी.शिवा और प्रकाश के खिलाफ धारा 109 :120 बी को छोड़कर अन्य समान धाराओं के तहत और पोक्सो एक्ट की धारा 7:8 के तहत आरोप तय किया गया है. उन्हें जेजे एक्ट के तहत आरोपित नहीं किया गया है.
वहीं, बचाव पक्ष ने कहा है कि वे आदेश के खिलाफ एक याचिका दायर करने पर विचार कर रहे हैं. आसाराम के वकील प्रदीप चौधरी ने कहा, ‘‘चूंकि आसाराम के खिलाफ आरोप अनावश्यक हैं इसलिए हम पुनरीक्षण याचिका दायर करने की संभावना तलाश रहे हैं.’’ अदालत ने पिछले साल 27 नवंबर को इस मामले में आरोपपत्र पर संज्ञान लिया था.
आरोपों पर दलील देने की प्रक्रिया इस साल के प्रारंभ में शुरु हुई और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत आसाराम की ओर से अदालत में पेश हुए थे. हालांकि आसाराम की जमानत याचिका पर आदेश अभी तक उच्च न्यायालय में लंबित है. जमानत याचिका पर दलीलें 3 जनवरी को पूरी हो गई जिसके बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रख लिया.
उच्च न्यायालय ने उनकी पहले की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थी. यहां अपने आश्रम में किशोरी का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में पिछले साल अगस्त में गिरफ्तार होने के बाद से आसाराम जेल में हैं. गुजरात स्थित उनके आश्रम में रहने वाली सूरत की दो बहनों ने बाद में उनके बेटे नारायण साई पर बलात्कार का आरोप लगाया था.