फैजाबाद : पत्रकारों को लखनऊ में महंगे तोहफे और नकदी बांटने का उत्तर प्रदेश के मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा को कोई मलाल नहीं है और उन्होंने इस बात पर उनकी आलोचना करने वालों को ‘‘मूर्ख’’ करार देते हुए कहा कि वह ‘‘अच्छे नतीजे पाने के लिए निवेश कर रहे थे.’’ यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए वर्मा ने स्वीकार किया कि उन्होंने नकदी और कुछ अन्य सामान बांटा है और कहा, ‘‘मैंने कमाया है इसलिए मैं बांट रहा हूं. मैं व्यापारी हूं, और अच्छी तरह जानता हूं कि अच्छे लाभ के लिए पैसा कहां लगाना है.’’ उन्होंने बताया कि वह अपने मंत्रालय द्वारा कमाए गए पैसे में से तोहफे और नकदी बांट रहे थे.
उन्होंने बताया कि इस्पात मंत्रालय ने 10,000 करोड़ रुपए कमाए हैं. बेनी ने कहा, ‘‘लोग पत्रकारों पर 2 करोड़ खर्च करने के लिए मेरी आलोचना क्यों कर रहे हैं? पत्रकार हमारे लिए काम करते हैं, हमारा प्रचार करते हैं. जो लोग इस काम के लिए मेरी आलोचना कर रहे हैं वे मूर्ख हैं.’’ मंत्री ने कहा कि वह जल्द ही फैजाबाद और उसके आसपास के इलाकों में भी पत्रकारों को ‘‘बढ़िया सामान’’ देने वाले हैं. सूत्रों ने कल बताया था कि मंत्री द्वारा वितरित किए गए तोहफों और नकदी प्राप्त करने वालों में वर्मा के गृह जिले बाराबंकी और उनके चुनाव क्षेत्र गोंडा के कांग्रेस कार्यकर्ता और स्थानीय पत्रकार शामिल थे, जिन्हें 31 मार्च 2014 तक इस्पात उपभोक्ता परिषद का सदस्य बनाया गया. सपा और भाजपा ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पत्रकारों को परिषद का सदस्य बनाए जाने और इसकी बैठक में उन्हें नकदी और तोहफे दिए जाने की आलोचना की थी.
सूत्रों के अनुसार सोमवार को लखनउ में हुई परिषद की 24वीं बैठक के दौरान इसके 1000 से ज्यादा सदस्यों को नकदी, मोबाइल और ट्रॉली बैग दिए गए. इस कदम की निंदा करते हुए भाजपा के मुख्य प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की. समाजवादी पार्टी नेता ओम प्रकाश सिंह कह चुके हैं कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक केंद्रीय मंत्री इस तरह की गतिविधि में शामिल है. सिंह ने कहा, ‘‘अगर वह :वर्मा: ऐसा सोचते हैं कि पैसा और तोहफे देकर वह लोगों का दिल जीत सकते हैं तो वह गलत हैं.’’