नयी दिल्ली : लोकसभा चुनावों से पहले तीसरे मोर्चे के उभरने का संकेत देते हुए गैर कांग्रेस और गैर भाजपा 11 पार्टियों ने संसद में आज एक ब्लाक बनाने की घोषणा की, जिसका जनोन्मुखी, सांप्रदायिकता विरोधी और संघीय एजेंडा होगा.
ये ऐलान संसद परिसर में एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस के जरिए उक्त पार्टियों के नेताओं ने किया. इस ब्लाक में चार वाम दल, सपा, जदयू, अन्नाद्रमुक, असम गण परिषद, ढझारखंड विकास मोर्चा, जद एस और बीजद शामिल हैं.माकपा नेता सीताराम येचुरी और जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि पिछले साल अक्तूबर में इन्हीं दलों की दिल्ली में बैठक हुई थी. अब दूसरा कदम बढाया गया है. येचुरी ने कहा कि प्राथमिक रुप से जनता को प्रभावित करने वाले मुददे उठाने के लिए यह ब्लाक बनाया गया है.
भ्रष्टाचार रोधी छह विधेयकों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 11 पार्टियां सुनिश्चित करेंगी कि हंगामे के बीच कोई विधेयक पारित नहीं होने पाये क्योंकि सत्ताधारी पार्टी और संप्रग इन विधेयकों को पारित कराकर इसे चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं. शीतकालीन सत्र के बाद ब्लाक के भविष्य पर किये गये सवाल के जवाब में येचुरी ने कहा कि भावी कार्यक्रम की घोषणा जल्द की जाएगी.
सपा के रामगोपाल यादव ने भी कहा कि 11 दलों के नेता भावी रणनीति बनाने के लिए जल्द बैठक करेंगे. इस ब्लाक के भविष्य को लेकर सवाल किया गया क्योंकि इसमें शामिल दलों का एक दूसरे को ‘धोखा’ देने का इतिहास रहा है. जवाब में भाकपा के गुरुदास दासगुप्ता ने कहा कि पूर्व में जो कुछ भी हुआ, अब संभवत: न घटित हो क्योंकि इतिहास खुद को कभी नहीं दोहराता. येचुरी ने कहा कि ब्लाक के घटक दल आशान्वित हैं क्योंकि दुनिया केवल विश्वास पर कायम है.