मुक्तसर: पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने खाद्य पदार्थोमें मिलावट रोकने के मकसद से आज कहा कि राज्य सरकार इस जघन्य अपराध में शामिल लोगों को कड़ी से कड़ी सजा देने के मकसद से आगामी विधानसभा सत्र में एक विधेयक पेश करेगी.
बादल ने यहां एक धार्मिक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार इस समस्या को रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है जो लोगों की सेहत के लिए बड़ा खतरा है. उन्होंने कहा कि खाने-पीने की चीजों में मिलावट रोकने के प्रावधानों वाला विधेयक विधानसभा के आगामी सत्र में पेश किया जाएगा.बादल के मुताबिक, ‘‘इस तरह की गड़बड़ियों में शामिल सभी लोगों के लिए इस विधेयक में कड़ी सजा का प्रावधान होगा.’’ संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडरों की संख्या नौ से बढ़ाकर 12 करने के फैसले को राजनीतिक चाल करार दिया.उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस नीत संप्रग सरकार की चेहरा बचाने की कवायद है.
हालांकि उन्होंने कहा कि मतदाता इस तरह की चीजों से प्रभावित नहीं होंगे. देविंदर पाल भुल्लर की दया याचिका को शीर्ष अदालत द्वारा विचारार्थ स्वीकार किये जाने के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने इसे ‘स्वागत योग्य कदम’ कहा.उन्होंने कहा कि 1984 में सिखों के मारे जाने के मामले में एक और जांच की बमुश्किल ही कोई जरुरत लगती है क्योंकि मामले में पहले ही अनेक जांचों में कांग्रेस नेताओं की भूमिका सामने आ चुकी है.बादल ने कहा, ‘‘आगे फिर से जांच करने से कुछ साल और न्याय की प्रक्रिया लटकने से इस नरसंहार के पीड़ितों के जख्म हरे हो जाएंगे.’’