नयी दिल्ली : दिवंगत न्यायमूर्ति जे एस वर्मा को मरणोपरांत सरकार द्वारा दिया जाने वाला पद्म भूषण सम्मान उनके परिवार ने स्वीकार करने से यह कहते हुए मना कर दिया कि यह उनके सिद्धांतों के खिलाफ होगा क्योंकि न्यायमूर्ति वर्मा ऐसे सम्मान की लालसा नहीं रखते थे.
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को लिखे गये एक पत्र में न्यायमूर्ति वर्मा की पत्नी पुष्पा ने कहा है, उन्हें महान सम्मान दिये जाने से एक बार फिर पता चलता है कि वह अपने देशवासियों के दिलो दिमाग में किस तरह जगह बनाये हुए हैं. पत्र में कहा गया है, उन्होंने (न्यायमूर्ति वर्मा ने) कभी किसी सम्मान के लिए न तो लालसा की और न ही खेमेबंदी की. हम यह सम्मान स्वीकार नहीं करेंगे क्योंकि हम जानते हैं कि खुद न्यायमूर्ति वर्मा इसे नहीं स्वीकारते.
दिवंगत न्यायमूर्ति वर्मा की पत्नी ने कहा है . उन्होंने किसी भी निजी लाभ या फायदे से पहले भारत को रखा. वह भारत के प्रख्यात न्यायाधीशों में से एक के तौर पर याद किए जायेंगे और उन्होंने वह विरासत दी जो दुनिया भर में चल रही नयी कानूनी प्रणाली के मुताबिक व्यवस्था देती है.