-वर्षो से लटका था मामला
-अंजनी कुमार सिंह-
नयी दिल्लीः झारखंड सरकार को दिल्ली के लुटियंस जोन बंगला साहिब लेन में 2,803 वर्ग मीटर का एक भूखंड दिया जायेगा. झारखंड गठन के समय से ही राज्य सरकार को अपने काम-काज को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिल्ली के लुटियंस जोन में एक भवन की दरकार थी. कई मुख्यमंत्री ने इस दिशा में प्रयास किया, लेकिन यह मामला लंबित ही पड़ा रहा. पिछले दिनों राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश से इस मामले में व्यक्तिगत पहल करने का आग्रह किया था. उसके बाद से जयराम ने इस दिशा में काम करना शुरू किया. मंत्रिमंडल की बैठक में लंबित पड़े इस मामले को तुरंत निपटारा करने पर जयराम ने जोर दिया.
जयराम ने राज्य सरकार की मांग के अनुरूप चिह्न्ति किये गये जगह पर ही जमीन देने की मांग की. उसके बाद केंद्रीय कैबिनेट ने बंगला साहिब लेन पर 2,803 वर्ग मीटर भूमि को आवंटित करने पर अपनी मुहर लगा दी. यह भूमि मौजूदा दरों पर राज्य सरकार को दी जायेगी और समय-समय पर लागू बुनियादी किराये को झारखंड सरकार द्वारा वहन किया जायेगा. लुटियंस जोन में मिली करीब एक एकड़ जमीन पर अब राज्य सरकार झारखंड भवन का निर्माण करा सकती है. इस भूखंड से केंद्रीय सचिवालय से लेकर सभी मंत्रलयों की दूरी काफी कम है.
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 31 अक्तूबर, 2001 को बिहार पुनर्गठन कानून, 2000 की धारा 60 के तहत बिहार सरकार को पॉश इलाके चाणक्यपुरी स्थित बिहार भवन को झारखंड सरकार को सौंपने का निर्णय लिया था. लेकिन तत्कालीन राज्य सरकार ने बिहार पुनर्गठन कानून, 2000 की धारा 42 (1) के तहत राज्य से बाहर की संपत्ति पर मूल राज्य का अधिकार होने के तहत झारखंड सरकार को अपना भवन देने में असमर्थता जतायी. केंद्र के इस फैसले के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने अब तक कोई फैसला नहीं दिया है.
आपने (मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन) मुझसे कुछ समय पहले कहा था कि झारखंड के लिए दिल्ली में जमीन की जरूरत है, ताकि राजधानी में वह दूसरा झारखंड भवन बना सकें. मुझे खुशी है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रस्ताव को मंजूरी दी है जिसमें झारखंड को दिल्ली में 2,803 वर्ग मीटर का एक भूखंड दिया जायेगा. उम्मीद है कि राज्य सरकार करीब नये भूखंड पर जल्द निर्माण शुरू करेगी.
-जयराम रमेश, केंद्रीय मंत्री