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स्कॉर्पीन पनडुब्बी की जानकारियां हमारी ओर से नहीं हुईं लीक : एमडीएल

मुंबई : स्कॉर्पीन पनडुब्बी की जानकारियां लीक होने की खबर ने भारत की चिंता बढ़ा दी है. इस मामले में अभी तक खुलासा नहीं हुआ है कि जानकारियां लीक करने वाला शख्‍स या देश कौन है, हालांकि शक की सुई फ्रांस के एक नेवी अधिकारी की ओर जा रहा हैं.इंडियन नेवी मामले में आज कहा […]

मुंबई : स्कॉर्पीन पनडुब्बी की जानकारियां लीक होने की खबर ने भारत की चिंता बढ़ा दी है. इस मामले में अभी तक खुलासा नहीं हुआ है कि जानकारियां लीक करने वाला शख्‍स या देश कौन है, हालांकि शक की सुई फ्रांस के एक नेवी अधिकारी की ओर जा रहा हैं.इंडियन नेवी मामले में आज कहा कि ऑस्ट्रेलियाई न्यूज एजेंसी की वेबसाइट पर जारी दस्तावेजों की जांच की जा रही है. फ्रांस सरकार से अपील की गई है इसकी जांच करें और इसकी रिपोर्ट भारत के साथ शेयर करें.

इसी बीच, मझगांव डॉक लिमिटेड (एमडीएल) ने आज कहा कि स्कॉर्पीन पनडुब्बी से संबंधित अहम जानकारियां उसकी ओर से लीक नहीं हुई हैं और वह इस मामले की जांच में नौसेना की सहायता कर रही है. स्कॉर्पीन पनडुब्बी का निर्माण एमडीएल में ही किया जा रहा है. भारतीय नौसेना के लिए मुम्बई में एक फ्रांसीसी कंपनी के सहयोग से निर्मित होने वाली छह अत्यंत उन्नत पनडुब्बियों की क्षमताओं से जुडी अत्यंत गुप्त सूचना लीक होने के एक दिन बाद, एमडीएल के एक अधिकारी ने कहा कि आंकडों की सुरक्षा के लिए एमडीएल में कडे मानक हैं.

एमडीएल के एक अधिकारी ने बताया ‘‘जांच में हम नौसेना की मदद कर रहे हैं. हम यह पक्के तौर पर मानते हैं कि हमारी ओर से कोई जानकारी लीक नहीं हुई.’ भारतीय नौसेना के लिए निर्मित होने वाली स्कॉर्पीन पनडुब्बी संबंधी जानकारी लीक होने की खबरों पर प्रतिक्रिया दे रहे अधिकारी ने बताया ‘‘यह जांच करने की जरुरत है कि क्या लीक हुए दस्तावेज असली हैं.’ अधिकारी ने कहा कि जानकारी की सुरक्षा के लिए एमडीएल में कडे मानक हैं.

एमडीएल के प्रमुख रीयर एडमिरल राहुल शरावत टिप्पणियों के लिए उपलब्ध नहीं हो सके. फ्रांसीसी पोत निर्माता डीसीएनएस ने 23,652 करोड रुपये की इस परियोजना के लिए प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराई है. निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, एमडीएल को अगले साल के शुरू में छह पनडुब्बियों की पहली खेप भारतीय नौसेना के सुपुर्द करनी है और शेष पनडुब्बियों की आपूर्ति वर्ष 2020 तक किये जाने की संभावना है.

मीडिया की खबरों के अनुसार, जो ब्यौरे लीक हुए हैं वह फ्रांस में डिजाइन की गई स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों की मारक क्षमता के ब्यौरे संबंधी 22,400 पृष्ठों के हैं. मझगांव डॉक में 3.5 अरब डालर की लागत से फ्रांसीसी पोत निर्माता डीसीएनएस द्वारा निर्मित की जा रही स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की लडाकू क्षमता तब सार्वजनिक हो गई जब एक ऑस्ट्रेलियाई समाचारपत्र ‘द ऑस्टेलियन’ ने जानकारी वेबसाइट पर डाल दी.

रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कल नौसेना प्रमुख को पूरे मामले की छानबीन करने का आदेश दिया। डीसीएनएस से भी एक विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है. पर्रिकर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हैकिंग हुई है. इसलिए हम इस सब का पता लगाएंगे.’

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