नयी दिल्ली : आसमान में स्पाइसजेट विमान और एमिरेट्स विमान एक दूसरे के बिल्कुल समीप आ गए थे लेकिन स्वजनित चेतावनी से एक बडा हादसा टल गया. नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) के सूत्रों ने बताया कि 11 अगस्त की इस घटना की नागर विमानन नियामक जांच कर रहा है. स्पाइसजेट की उडान एस जी 511 चेन्नई से हैदराबाद जा रही थी जबकि एमिरेट्स की उडान ईके 433 ब्रिस्बेन से दुबई जा रही थी.
इस महीने के प्रारंभ में भी ढाका के आसमान में इंडिगो के दो विमानों में टक्कर होते होते बची थी जब एक उडान के पायलट ने दोनों उडानों के बिल्कुल समीप आ जाने पर अपने विमान को सुरक्षित दूरी पर ले गया. दोनों विमानों में 225 यात्री और चालक दल के सदस्य थे. सूत्रों के अनुसार स्पाइसजेट की उडान एसजी 511 को और उंची उडान के लिए 34000 फुट की उंचाई बने रहने की सलाह दी गयी.
सूत्रों ने कहा, ‘‘लेकिन एसजी 51 बिना मंजूरी के अनुमति स्तर से उपर चढ गया. तब उसे 35000 फुट पर बने रहने को कहा गया लेकिन वह 1000 फुट और उंचा चला गया जिस स्तर पर ईके 43 चक्कर लगा रहा था.’ सूत्रों के अनुसार इससे एमिरेट्स और उंचा जाने एवं दूरी बढाने के लिए बाध्य हुआ. दोनों ही विमानों को टीसीएस अलर्ट मिला था.
दरअसल, टीसीएस एक ऐसी प्रणाली है जो विमान यातायात नियंत्रण (एटीसी) से मुक्त होकर किसी भी विमान के आसपास समानांतर सक्रिय ट्रांसपोडंर वाले दूसरे विमान की स्थिति की निगरानी रखती है और वह पायलटों को दूसरे विमान के बारे में अलर्ट करती है ताकि आसमान में कोई टक्कर न हो. एमिरेट्स ने एक बयान में कहा, ‘‘एमिरेट्स इसकी पुष्टि कर सकता है कि 11 अगस्त को ब्रिस्बेन से दुबई जा रही उडान ईके 433 को भारतीय वायुक्षेत्र में अपने आसपास के यातायात का संकेत मिला. चालक दल ने दूर रहने के लिए ऑनबोर्ड प्रणाली निर्देश का सही तरीके से पालन किया जिसके बाद उसने इसकी सूचना विमान यातायात नियंत्रण (एटीसी) को दी. ‘
उसने कहा, ‘‘अचानक यात्री खतरे मे थे। हमारे यात्रियों एवं चालक दल की सुरक्षा हमेशा हमारी शीर्ष प्राथमिकता है. ‘ हालांकि स्पाइसजेट के सूत्रों ने बताया कि एटीसी ने 37000 फुट पर यातायात होने की वजह से उसे 36000 फुट पर आ जाने को कहा लेकिन जब वह 35000 फुट पर आ गया तो एटीसी ने उसे और नीचे नहीं आने को कहा. तबतक विमान 35,400 फुट पर चला गया. फिर वह 35000 फुट पर आ गया. उसी दौरान स्पाइसजेट को नीचे आने की सलाह मिली. डीजीसीए सूत्रों ने कहा कि इस घटना की जांच की जा रही है और वह इसे शीघ्र ही एयरप्रोक्स इंवेस्टीगेशन बोर्ड को सौंपेगा.