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जिन्हें अर्थशास्त्र का भारी ज्ञान, वे ले गये सकल घरेलू उत्पाद दर 5 प्रतिशत से नीचे :भाजपा

नयी दिल्ली: भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को अर्थशास्त्र का अल्प ज्ञान होने संबंधी वित्त मंत्री पी चिदंबरम की टिप्पणी पर पार्टी ने उन पर व्यंग्य करते हुए आज कहा कि जिन्हें अर्थशास्त का भारी ज्ञान है, वह तो भारत के सकल घरेलू उत्पाद को 5 प्रतिशत से भी नीचे ले आए […]

नयी दिल्ली: भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी को अर्थशास्त्र का अल्प ज्ञान होने संबंधी वित्त मंत्री पी चिदंबरम की टिप्पणी पर पार्टी ने उन पर व्यंग्य करते हुए आज कहा कि जिन्हें अर्थशास्त का भारी ज्ञान है, वह तो भारत के सकल घरेलू उत्पाद को 5 प्रतिशत से भी नीचे ले आए हैं.

पार्टी ने कहा कि मोदी और चिदंबरम में अंतर यह है कि अर्थव्यवस्था के विकास के लिए मोदी गलत राय को खारिज कर सकते हैं लेकिन संप्रग के अर्थशास्त्रियों की ड्रीम टीम कांग्रेस नेतृत्व के पुराने पड़ चुके सुझावों के आगे भी झुक जाती है. पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने मोदी पर टिप्पणी के लिए वित्त मंत्री को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘चिदंबरम समझते हैं कि सारा आर्थिक ज्ञान उन्हीं में समाया है. ये अलग बात है कि वह और अर्थव्यवस्था का प्रबंधन करने के लिए संप्रग की ओर से देश को पेश की गई ‘ड्रीम टीम’ सपना नहीं बल्कि दु:स्वप्न है.

अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन की जो छाप वे छोड़ कर जा रहे हैं उसके लिए वे जाने जाएंगे.’’ चिदंबरम ने मोदी को अर्थव्यवस्था की समझ नहीं होने का दावा करते हुए कल बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, ‘‘वह :मोदी: अर्थशास्त्र के बारे में जितना जानते हैं, उसे एक डाक टिकट के पीछे लिखा जा सकता है.’’ चिदंबरम मोदी के उस आरोप का जवाब दे रहे थे जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री ने कहा था कि चिदंबरम के प्रबंधन में अर्थव्यवस्था ‘ढह गई’ है.

जेटली ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था अच्छी तरह चलाने के लिए अर्थशास्त्री प्रधानमंत्री की जरुरत नहीं होती है. ‘‘पीवी नरसिंह राव और अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी अर्थशास्त्र का विद्वान होने का दम नहीं भरा. इसके लिए सरकार के पास विशेषज्ञ उपलब्ध होते हैं. ये अलग बात है कि कांग्रेस पार्टी ने उन्हें (चिदंबरम को) वित्त मंत्री बनाने का फैसला किया.’’ जारी भाषा जलीस अजेटली ने कहा, राजनीतिक नेतृत्व से उम्मीद की जाती है कि अर्थव्यवस्था के प्रबंधन के लिए जिस नेतृत्व और निर्णायकता की जरुरत होती है वह उसे प्रदान करे. उनसे राजनीतिक अर्थव्यवस्था के व्यापक समझ की उम्मीद की जाती है.

संप्रग सरकार को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व को अर्थव्यवस्था के मुद्दों पर आम राय बनानी चाहिए और अगर आम राय नहीं बन रही है तो उसे दृढ़ता दिखाते हुए आलोचकों की राय को अस्वीकार कर देना चाहिए. ‘‘राव और वाजपेयी दोनों में ये काबलियत थी. इसी कारण इतिहास में उन्होंने खास दर्जा पाया.’’ राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष ने अर्थव्यवस्था का ज्ञानी नहीं होने के बावजूद अच्छे प्रदर्शन के लिए मोदी की तारीफ करते हुए कहा कि गुजरात इसका उदाहरण है जिसका प्रशासन वह 12 साल से चला रहे हैं. इस दौरान मोदी ने निर्णायकता और योग्यता दोनों का परिचय दिया.

उन्होंने कहा कि मोदी के राजनीतिक नेतृत्व के चलते आज गुजरात भारत का औद्योगिक केंद्र है, विनिर्माण का राज्य है, उसकी कृषि अर्थव्यवस्था दोहरे अंकों में पंहुच गई है. उसकी विकास दर शेष देश से अधिक है. जेटली ने कहा, ‘‘मोदी के बरखिलाफ चिदंबरम और उनके प्रधानमंत्री में यह योग्यता नहीं है कि वे अपनी पार्टी नेतृत्व के पुराने पड़ चुके सुझावों को भी नकार सकें. वे अपने पार्टी नेतृत्व के पुराने पड़ चुके सुझावों के आगे भी झुक जाते हैं.

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