बीते दिन की कटुताओं को भूल कर एकजुट होकर काम करें : रावत

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज बीते दिन की कटुताओं को भूल कर राज्य के सामूहिक हित के सवालों पर एकजुट होकर काम करने का आह्वान करते हुए कहा कि सभी बाधाओं को पार करते हुए, राज्य दृढतापूर्वक विकास पथ पर आगे बढ रहा है और उसके लिये कोई चुनौती बडी नहीं […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 14, 2016 9:17 PM

देहरादून : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आज बीते दिन की कटुताओं को भूल कर राज्य के सामूहिक हित के सवालों पर एकजुट होकर काम करने का आह्वान करते हुए कहा कि सभी बाधाओं को पार करते हुए, राज्य दृढतापूर्वक विकास पथ पर आगे बढ रहा है और उसके लिये कोई चुनौती बडी नहीं है.

यहां स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में रावत ने कहा, ‘‘लक्ष्य ऊँचा है, मार्ग दुरुह है, लेकिन मुझे अपने लोगों की सामूहिक समझ एवं दृढ इच्छा शक्ति पर विश्वास है. यदि उत्तराखण्ड वर्ष 2013 की भयंकर आपदा से उबर कर उत्साहपूर्वक तेजी से आगे बढ सकता है, तो हमारे लिये कोई भी चुनौती बडी नहीं है.
राज्य को राजनैतिक स्थिरता, सामाजिक-राजनैतिक सहिष्णुता एवं सहयोग का वातावरण चाहिए। आईये, हम बीते दिनों की कटुताओं को भूलकर, राज्य के कुछ सामूहिक हित के सवालों पर, एकजुट होकर कार्य करें।” मुख्यमंत्री ने कहा कि संतुलित एवं समावेशी विकास हमारी पहचान बने, इस दिशा में, हमारी सरकार ने कई ठोस पहल किए हैं. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019-20 तक अभावजन्य पलायन को नियंत्रित करने तथा वर्ष 2022-23 तक सम्भावनाहीन क्षेत्रों में, रोजगार की सम्भावनायें पैदा करने की जरुरत है.
अपनी सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में शुरु की गयी योजनाओं की जानकारी देते हुए रावत ने इस बात पर प्रसन्नता जतायी कि सतत कोशिशों से राज्य में खेल सुविधाओं का अच्छा ढांचा तैयार किया जा चुका है. उन्होंने कहा कि दो अन्तराष्ट्रीय व पौना दर्जन राष्ट्रीय स्तर के आउटडोर-इन्डोर स्टेडियम, ट्रेक्स, टर्फ व कोर्टस के साथ, हम वर्ष 2018 के राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए तैयार हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि आपदा प्रभावित लोगों के लिये अभी तक 2016 आवास बनाये जा चुके हैं जबकि 450 और आवास बनाने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि संकटपूर्ण स्थिति वाले गांवों के विस्थापन हेतु, राज्य ने केंद्र सरकार से सहयोग व सहायता मांगी है.
राज्य निर्माण के बाद गठित हुये विभागीय ढांचों में से लगभग आधे ढांचों को अपने कार्यकाल में गठित हुआ बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका मानना है कि विभागीय कार्यों को संचालित करने के लिए ढांचा गठन व नीति निर्धारण आवश्यक है.
सातवां वेतन आयोग का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसका लाभ राज्यकर्मियों को देने के लिये सरकार इस संबंध में गठित समिति की संस्तुति की प्रतीक्षा कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार पुलिस एवं राज्यकर्मियों को अधिकतम सुविधायें देने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहती है. गैरसैण को राज्य आन्दोलन की भावना का केंद्र बिन्दु बताते हुए रावत ने कहा कि इसके सर्वागिण विकास के लक्ष्य की तरफ हम तेजी से बढ रहे हैं.

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