मुंबई : विवादास्पद इसलामी प्रचारक जाकिर नाइक के कथित भड़काऊ भाषणों की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने अपनी रिपोर्ट महाराष्ट्र के गृह विभाग को सौंप दी है. रिपोर्ट में नाइक के भाषणों पर प्रतिबंध लगाने की बात कही गयी है. 71 पेजों की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जाकिर ‘आतंकवाद को सही’ ठहराते हैं. जाकिर के भाषण लोगों के दिमाग में धर्म को लेकर पूर्वाग्रह पैदा करते हैं. रिपोर्ट के अनुसार, जाकिर के भाषण धार्मिक सौहार्द्र बिगाड़ने और कट्टरता फैलानेवाले हैं. रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुंबई पुलिस की रिपोर्ट प्रचारक जाकिर नाइक को गंभीर रूप से अभ्यारोपित करती है. नाइक विदेश से यदि स्वयं ही नहीं लौटा, तो सरकार उसके प्रत्यर्पण के लिए दबाव बनायेगी और कानून के अनुसार उस पर कार्रवाई होगी. इस बीच, मुंबई पुलिस ने जाकिर की संस्था इसलामिक रिसर्च फाउंडेशन से 30 दिनों के भीतर जवाब मांगा है.
नाइक के सहयोगी समेत चार पर केस
नाइक के इसलामिक रिसर्च फाउंडेशन के कर्मचारी अरशद कुरैशी, रिजवान खान और दो अन्य के खिलाफ मुंबई के नागपाड़ा थाने में मामला दर्ज किया गया है. अशफाक केरल के 21 लापता युवकों में शामिल है. कुरैशी और खान को केरल पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. केरल पुलिस और महाराष्ट्र एटीएस ने कुरैशी को 21 जुलाई को नवी मुंबई से युवकों को कथित तौर पर कट्टरपंथी बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया था. वहीं, मेरिन उर्फ मरियम के भाई एबिन जैकब (25) की शिकायत पर केरल पुलिस ने कुरैशी का मुंबई में पता लगाया. जैकब ने पलारिवत्तोम पुलिस को कोच्चि में बताया है कि उसे जबरदस्ती इसलाम धर्म अपनाने के लिए बाध्य किया जा रहा है. मरियम अपने पति बेस्टिन विंसेंट उर्फ याहिया के साथ केरल से लापता है. मरियम ने कहा कि इसके पीछे बेस्टिन और कुरैशी का हाथ है. हालांकि, आइआरएफ ने कहा कि धर्मांतरण उसका कभी उद्देश्य नहीं रहा है.