गांधीनगर : गुजरात में चल रहे तमाम अटकलों के बीच भाजपा ने विजय रूपानी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला ले लिया है. कल शाम से कयास लगाये जा रहे थे कि नितिन पटेल को आनंदी बेन का उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है लेकिन आज शाम होते ही राजनीतिक धुंध साफ हो गया.
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विजय रूपानी : भाजपा का चौंकाने वाला फैसला
गांधीनगर : गुजरात में चल रहे तमाम अटकलों के बीच भाजपा ने विजय रूपानी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला ले लिया है. कल शाम से कयास लगाये जा रहे थे कि नितिन पटेल को आनंदी बेन का उत्तराधिकारी बनाया जा सकता है लेकिन आज शाम होते ही राजनीतिक धुंध साफ हो गया. विजयरूपानीको आमतौर पर […]
विजयरूपानीको आमतौर पर संगठन का आदमी माना जाता है. गुजरात भाजपा में उनकी अच्छी पकड़ है. जैन समुदाय से आने वालेरूपानीगुजरात भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष है. एलएलबी की डिग्री हासिल कर चुके रूपानी अपनी तीक्ष्ण बुद्धि के लिए जाने जाते हैं.आरएसएस के विद्यार्थी संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले रूपानी आपातकाल के दौरान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. आपातकाल के दौरान इन्हें जेल भी जाना पड़ा. एक सामान्य पार्षद से लेकर गुजरात भाजपा में कद्दावार नेता तक का सफर तय करने वाले रूपानी राजकोट का मेयर भी रह चुके हैं.
विधायक, मेयर, राज्यसभा सदस्य कई भूमिकाओं में रह चुके रूपानी फिलहाल गुजरात भाजपा अध्यक्ष हैं. साथ ही विजयरूपानीआनंदीबेन की सरकार में ट्रांसपोर्ट, वाटर सप्लाय, लेबर व रोजगार मंत्रालय संभाल रहे थे. विजय रूपानी के सांगठनिक क्षमता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वो चार बार गुजरात भाजपा के महासचिव रह चुके हैं.
नरेंद्र मोदी- अमित शाह की जोड़ी ने लिये है चौंकाने वाले कई फैसले
विजय रुपानी को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय भले ही चौंकाने वाला फैसला है लेकिन मोदी -शाह की जोड़ी ने पहले भी ऐसे कई फैसले लिये हैं. कयास लगाये जा रहे थे कि गुजरात में असंतुष्ट पटेलों को काबू में रखने के लिए नितिन पटेल को मुख्यमंत्री बनाया जायेगा लेकिन भाजपा ने विजय रुपानी को सीएम बनाया.
महाराष्ट्र में एकनाथ खड़से की जगह देवेंद्र फड़नवीस को सीएम बनाया गया. शाह -मोदी ने जातीय बहुलता वाले उम्मीदवारों को एक सिरे से खारिज किया है. महाराष्ट्र के बाद हरियाणा में नये प्रयोग किये गये. हरियाणा की राजनीति में दशकों तक जाट समुदाय का प्रभाव रहा है पहली बार जाट नेता को किनारे कर एक पंजाबी बिरादरी से आने वाले मनोहर लाल खट्टर को मुख्यमंत्री बनाया गया. मोदी -शाह के इस नये प्रयोग से झारखंड भी अछूता नहीं रहा.
आदिवासी बहुल राज्य झारखंड में पहली बार एक गैरआदिवासी मुख्यमंत्री रघुवर दास को चुना गया. जानकारों की माने तो ऐसा निर्णय देश के राजनीतिक ट्रेंड को बदलने के लिए किया जा रहा है.
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