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SAARC: पाकिस्‍तान को उसके घर में कैसे ”धोया” संसद से आज पूरे देश को बताएंगे राजनाथ सिंह

संसद में सार्क सम्मेलन की पूरी जानकारी आज देंगे राजनाथ सिंहइसलामाबाद : भारत ने दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों के सम्मेलन में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि आतंकवादी समूहों को प्रोत्साहन देना और आतंकवादियों का महिमामंडन बंद होना चाहिए. भारत ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ सख्त से सख्त […]

संसद में सार्क सम्मेलन की पूरी जानकारी आज देंगे राजनाथ सिंह
इसलामाबाद :
भारत ने दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों के सम्मेलन में पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि आतंकवादी समूहों को प्रोत्साहन देना और आतंकवादियों का महिमामंडन बंद होना चाहिए. भारत ने आतंकवाद का समर्थन करने वाले देशों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई और उन्हें अलग-थलग करने का आह्वान किया. गुरुवार को दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों के सातवें सम्मेलन में गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ पर परोक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा, ‘इस बात को भी सुनिश्चित किये जाने की आवश्यकता है कि आतंकवाद का कोई भी देश महिमामंडन नहीं करे.’ सिंह का बयान शरीफ द्वारा बुरहान वानी को शहीद बता कर उसकी प्रशंसा किये जाने की पृष्ठभूमि में आया. उन्होंने कहा कि एक देश का आतंकवादी किसी दूसरे के लिए शहीद या स्वतंत्रता सेनानी नहीं हो सकता. सम्मेलन में भारत-पाक के बीच तल्खी दिखी. राजनाथ बगैर भोजन किये वापस दिल्ली आ गये. भारतीय मीडिया को सम्मेलन के कवरेज की अनुमति भी नहीं दी गयी. हिंदी में संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि आतंकवाद अब भी क्षेत्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

न सिर्फ आतंकवादियों या संगठनों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए, बल्कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले लोगों, संगठनों और देशों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए. सिंह ने वैसे देशों या लोगों को अलग-थलग करने का आह्वान किया, जो आतंकवादियों को किसी भी तरह का समर्थन या प्रोत्साहन देते हैं और उन्हें सुरक्षित पनाह या किसी तरह की सहायता देते हैं. उनका इशारा पाकिस्तान की ओर था. दक्षिण एशियाई देशों के बीच व्यापक क्षेत्रीय खुशहाली और सहयोग पर जोर देते हुए सिंह ने हालांकि कहा कि बढ़ता जोखिम और आतंकवादी घटनाएं क्षेत्र की शांति और स्थिरता को खतरे में डालती हैं. सिंह ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पाकिस्तानी गृह मंत्री चौधरी निसार अली खान को सुनने के बाद कहा, ‘आतंकवाद हमारी शांति के लिए सबसे बड़ी चुनौती और खतरा बना हुआ है. दक्षिण एशिया इस बीमारी से काफी गहराई से प्रभावित है, जैसा हाल में पठानकोट, ढाका, काबुल और अन्य स्थानों पर कायरतापूर्ण आतंकवादी हमलों में देखा गया.’

उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि इस तरह के आतंकवादी हमलों की सिर्फ निंदा पर्याप्त नहीं है. हमें इस समस्या का उन्मूलन करने के लिए अपने संकल्प को कड़ा करना चाहिए और इसे खत्म करने के लिए गंभीर कदम उठाने चाहिए. गृह मंत्री ने कहा कि अगर हमें खुद को आतंकवाद से छुटकारा दिलाना है तो हमें सही तरह से मानना होगा कि अच्छे और बुरे आतंकवादी के बीच फर्क करने का प्रयास गुमराह करने वाला है. गृह मंत्री ने आतंकवाद को दबाने और इसके अतिरिक्त प्रोटोकॉल पर दक्षेस क्षेत्रीय अभिसमय को लागू करने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई में यह महत्वपूर्ण है.

सिंह ने आतंकवादी समूहों द्वारा आधुनिक उपकरण के तौर पर सोशल और डिजिटल मीडिया के दुरुपयोग के मुद्दे पर भी बात की. सिंह ने कहा कि आतंकवाद से निपटने के हमारे प्रयास में हमें साइबर अपराध के सभी संभावित रास्तों, आतंकवादी दुनिया के साथ उसके संबंधों और उससे कैसे निपटा जा सकता है, उन सबको देखना चाहिए. उन्होंने आपराधिक मामलों में पारस्परिक सहायता पर दक्षेस अभिसमय के अनुमोदन की ओर भी प्रतिभागियों का ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने कहा कि हम अभिसमय का फायदा लेने में सक्षम नहीं हैं क्योंकि कुछ सदस्यों ने अब तक इसका अनुमोदन नहीं किया है. मैं शेष सदस्य देशों से अनुरोध करुंगा कि वे यथाशीघ्र अभिसमय का अनुमोदन करने पर विचार करें. भारत लौटने पर गृह मंत्री ने कहा कि वह संसद अपनी बात रखेंगे.

पाक दौरे पर आज संसद में बोलेंगे राजनाथ सिंह
दिल्ली पहुंचने के तुरंत बाद राजनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने दौरे के बारे में विस्तार से जानकारी दी. वह अपने पाक दौरे पर शुक्रवार को संसद में बयान देंगे.

भोज में हिस्सा लिए बगैर लौटे भारत,दिया यह संदेश

न सिर्फ आतंकवादियों और संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, बल्कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले व्यक्तियों, संगठनों और राष्ट्रों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए

आतंकवादियों का शहीदों के रूप में महिमा मंडन या प्रशंसा नहीं की जानी चाहिए
कोई अच्छा आतंकवादी या बुरा आतंकवादी नहीं होता
आतंकवाद और आतंकवादियों की केवल निंदा करना पर्याप्त नहीं है
जो लोग आतंकवादियों और आतंकवाद को सहयोग, प्रोत्साहन, शरण स्थल, सुरक्षित पनाहगाह और सहायता मुहैया कराते हैं उन्हें अलग-थलग किया जाना चाहिए

तल्खी : निसार व राजनाथ ने हाथ नहीं मिलाया
सम्मेलन में भारत-पाक संबंधों में तनाव दिखा, जब सिंह का अपने पाकिस्तानी समकक्ष चौधरी निसार अली खान के साथ आमना-सामना हुआ और दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के हाथ को छुआ, औपचारिक तौर पर हाथ नहीं मिलाया. यह वाकया सम्मेलन कक्ष में प्रवेश से पहले हुआ. राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद खान द्वारा दी जा रही दावत में भी हिस्सा नहीं लिया, क्योंकि मेजबान आयोजन स्थल से चला गया था.
खीझ : कवरेज से पत्रकारों को दूर रखा
नयी दिल्ली से आयी भारतीय मीडिया को सम्मेलन की रिपोर्टिंग की अनुमति नहीं दी गयी. पाक अफसरों ने उन्हें दूर रखा. इसे लेकर भारत के एक वरिष्ठ अधिकारी व एक पाक अधिकारी के बीच कहासुनी भी हुई. हालांकि विदेश मंत्रालय ने इन खबरों का खंडन किया कि गृह मंत्री के भाषण का ब्लैकआउट किया गया. मंत्रालय का कहना है कि सार्क सम्मेलन में मेजबान के उदघाटन भाषण का कवरेज ही किया जाता है.

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