नयी दिल्ली : गृह मंत्री राजनाथ सिंह लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद की चेतावनी के बावजूद दक्षेस देशों के गृह मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को पाकिस्तान जायेंगे. गृह राज्य मंत्री किरन रिजिजु ने सोमवार को कहा कि दक्षेस एक बहुपक्षीय बैठक है. इसकी कुछ प्रतिबद्धताएं हैं. वह कोई संदेश देने या पाकिस्तानी गृह मंत्री से अलग से मुलाकात करने नहीं जा रहे हैं. सईद ने चेतावनी दी है कि अगर सिंह दक्षेस मंत्रियों के सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इसलामाद आते हैं, तो उसका संगठन पाकिस्तान भर में विरोध-प्रदर्शन करेगा.
समझा जाता है कि गृह मंत्री बैठक में भारत में सक्रिय आतंकी समूहों को पाकिस्तान के समर्थन का मुद्दा उठायेंगे और इसलामाबाद से लश्कर, जैशतथा अन्य आतंकी गुटों पर अंकुश लगाने के लिए कहेंगे. सिंह का इसलामाबाद दौरा ऐसे समय पर हो रहा है, जब भारत-पाक संबंधों में तनाव व्याप्त है.
हाफिज सईद की संस्था कश्मीर में आवश्यक वस्तुएं भेजेगी
खबर है कि प्रतिबंधित जमात-उद-दावा की धर्मादा शाखा फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) ने जम्मू एवं कश्मीर में रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजों से भरा वाहनों का काफिला भेजने की घोषणा की है. यह एलान उनकी ओर से सोमवार को किया गया. आपको बता दें कि एफआईएफ का प्रमुख आतंकी सरगना हाफिज सईद है. वाहनों के काफिले में वे सामान भरे हैं, जिन्हें इस संस्था ने पूरे पाकिस्तान से दान के रूप में जमा किया है.
न्योता जख्म पर नमक छिड़कने जैसा
2008 के मुंबई हमले के सरगना हाफिज सईद ने जारी बयान में कहा कि मैं पाकिस्तान सरकार से पूछना चाहता हूं कि क्या वह मासूम कश्मीरियों की मौतों के जिम्मेदार राजनाथ का स्वागत कर कश्मीरियों के जख्मों पर नमक छिड़केगी? यह विडंबना होगी कि एक ओर पूरा पाकिस्तान कश्मीर में भारत के अत्याचारों का विरोध कर रहा है. दूसरी ओर पाकिस्तानी शासक भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह को मालाएं पहनायेंगे. यदि राजनाथ पाकिस्तान आयेंगे, तो पूरे देश में प्रदर्शन होगा.
भारत से तमाम रिश्तों को रद्द करे पाक
हिजबुल मुजाहिदीन के सुप्रीम कमांडर सईद सलाउद्दीन ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा कि घाटी में तनाव को देखते हुए वह नयी दिल्ली से अपने राजदूत को तत्काल वापस बुलाएं और भारत के साथ व्यापारिक और राजनयिक रिश्तों को निलंबित करें. सलाउद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार को राजनाथ को आमंत्रित नहीं करना चाहिए. पाकिस्तान की सरकार को या तो कश्मीरियों का मुद्दा उठाना चाहिए या भारत से दोस्ती का. इससे पहले, उसने लाहौर में भारत के खिलाफ एक रैली निकाली.