नयी दिल्ली : आंध्र प्रदेश के नक्सल विरोधी बल के एक उपनिरीक्षक को 65वें गणतंत्र दिवस के मौके पर मरणोपरांत अशोक चक्र प्रदान किया गया जो कि शांति के समय दिया जाने वाले देश का सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है.
उप निरीक्षक के. प्रसाद बाबू को गत वर्ष 16 अप्रैल को आंध्र-छत्तीसगढ़ सीमा पर चलाये गए एक नक्सल विरोधी अभियान के लिए सम्मानित किया गया जिसके दौरान उन्होंने ग्रेहाउंड्स (आंध्र प्रदेश के नक्सल विरोधी बल) की एक टुकड़ी का नेतृत्व किया था. यह पुरस्कार गणतंत्र दिवस परेड शुरु होने से पहले बाबू के पिता ने राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से प्राप्त किया.
सरकार की ओर जारी एक बयान में कहा गया, ‘‘श्री प्रसाद बाबू ने माओवादियों से लड़ने में अद्म्य साहस, कर्तव्य के प्रति असाधारण समर्पण और अनुकरणीय नेतृत्व का परिचय दिया और सर्वोच्च बलिदान दिया.’’ बाबू ने नौ माओवादियों को मार गिराने और कई को घायल करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.