श्रीनगर : सेना द्वारा पथरीबल फर्जी मुठभेड़ मामले को बंद करने पर निराशा व्यक्त करते हुए जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज कहा कि राज्य के विधि अधिकारियों को इस गंभीर मामले को आगे बढ़ाने के विकल्प तलाशने को कहा जायेगा.उमर ने कहा कि पथरीबल जैसे गंभीर मामले को इस तरह से बंद नहीं किया जा सकता या नजरंदाज नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, ‘‘ सेना के निर्णय से काफी निराश हैं विधि विभाग और महाधिवक्ता को विकल्पों पर विचार करने को कहूंगा.’’उमर ने ट्विट किया कि पथरीबल जैसे गंभीर मामले को इस तरह से न तो बंद किया जा सकता या नजरंदाज किया जा सकता है और खासतौर से तब जब सीबीआई की रिपोर्ट अपने आप में स्पष्ट हो.
जम्मू कश्मीर में पथरीबल फर्जी मुठभेड़ मामले के चर्चा में आने के करीब 14 वर्ष बाद सेना ने इस मामले को बंद करते हुए कहा कि दर्ज किये गए साक्ष्यों से प्रथम द्रष्टया पांच आरोपी लोगों के खिलाफ आरोप साबित नहीं हुए. सेना के अधिकारियों ने श्रीनगर में न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत को इस निर्णय की जानकारी दी.रक्षा प्रवक्ता ने जम्मू में कहा, ‘‘दर्ज किये गए साक्ष्य से प्रथम द्रष्ट्या किसी भी आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला नहीं बनता है.’’ उन्होंने कहा कि हालांकि यह स्पष्ट होता है कि यह :पथरीबल मुठभेड़: विशिष्ठ खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस और सेना का संयुक्त अभियान था. प्रवक्ता ने कल कहा था, ‘‘ सेना के अधिकारी ने मामले को बंद कर दिया है और श्रीनगर में न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत को इसकी सूचना दे दी गई है.’’गौरतलब है कि सीबीआई ने 2006 में मुठभेड़ के लिए सेना के पांच जवानों को दोषी करार दिया था जबकि राज्य पुलिस कोक्लीन चिटदे दी थी.