केजरीवाल का पीएम मोदी पर हमला, ”नरेंद्र मोदी नहीं पचा पा रहे दिल्ली में BJP की हार”

नयी दिल्ली : दिल्ली की केजरीवाल सरकार को जोरदार झटका लगा है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली सरकार के उस बिल को मंज़ूरी देने से मना कर दिया है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों के संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से अलग करने का प्रस्ताव था. पार्टी ने इस […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 14, 2016 9:05 AM

नयी दिल्ली : दिल्ली की केजरीवाल सरकार को जोरदार झटका लगा है. राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली सरकार के उस बिल को मंज़ूरी देने से मना कर दिया है, जिसमें आम आदमी पार्टी (आप) के 21 विधायकों के संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से अलग करने का प्रस्ताव था. पार्टी ने इस स्थिति पर विचार करने के लिए आपातकालीन बैठक की जिसके बाद दिल्ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर आलोचना की.

दरअसल, दिल्ली सरकार उन्हें छूट देने के लिए जो विधेयक लाई थी, उसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया. मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटनाक्रम पर कडी प्रतिक्रिया दी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा. केजरीवाल ने आरोप लगाया कि वह लोकतंत्र का सम्मान नहीं करते और ‘आप’ से डरते हैं.

केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने अपने विधायको को अतिरिक्त जिम्मेदारियां सौंपी हैं, लेकिन वे मुफ्त में काम कर रहे हैं. हमारी अधिसूचना यह कहती है कि वे सरकार से किसी पारिश्रमिकी, भत्ते, सुविधाओं या सेवाओं के हकदार नहीं होंगे.” उन्होंने कहा, ‘‘अगर वे मुफ्त में काम कर हैं तो मोदीजी को क्या परेशानी है. अगर सभी अयोग्य ठहरा दिया जाए और घर बैठा दिया जाए तो उनको (केंद्र) इससे क्या मिलेगा. मोदी जी दिल्ली में मिली पराजय को पचा नहीं पा रहे हैं और इसलिए वे हमें काम नहीं करने दे रहे.” दिल्ली के मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि दूसरे राज्यों के संसदीय सचिवों को अयोग्य क्यों नहीं ठहराया गया.

उन्होंने कहा, ‘‘हरियाणा, पंजाब, गुजरात, पश्चिम बंगाल और देश भर में संसदीय सचिव हैं. पंजाब में संसदीय सचिवों को एक लाख रुपये महीने, कार और बंग्ला मिला हुआ है. लेकिन उनको अयोग्य नहीं ठहराया गया. सिर्फ दिल्ली में क्यों? क्योंकि मोदीजी आम आदमी पार्टी से डरे हुए हैं.” यह पूछे जाने पर कि इस प्रक्रिया में प्रधानमंत्री की क्या भूमिका है क्योंकि विधेयक को राष्ट्रपति ने ठुकराया है तो केजरीवाल ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति कोई फैसला नहीं करते हैं. शायद उनके पास फाइल भी नहीं जाती। फैसला सरकार की ओर से किया जाता है और इस पर गृह मंत्रालय ने फैसला किया है.”

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