नयी दिल्ली: भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर राहुल गांधी और संप्रग सरकार की नाकामियों को अपने हमले का मुख्य निशाना बनाने का शुक्रवार को फैसला किया. भाजपा की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में आज यहां यह दिखा कि पार्टी चुनाव के लिए अपने रोडमैप को अंतिम रुप देने के करीब पहुंच रही है.
विपक्षी पार्टी आम आदमी पार्टी से भी स्पष्ट रुप से चौकन्ना है. भाजपा की शुक्रवार को यहां राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस की चुनौती का मुकाबला करने के तरीकों पर चर्चा की गई. कांग्रेस नीत संप्रग सरकार के तहत हुए घोटाले, साम्प्रदायिक हथकंडे और अर्थव्यवस्था की हालत को किस तरह से लोगों के बीच ले जाया जाए..जैसे मुद्दे चर्चा के केंद्र में रहे.
राष्ट्रीय कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह आप का नाम लेने से बचते दिखे लेकिन उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि कांग्रेस किस तरह से अरविंद केजरीवाल की पार्टी के बढ़ते प्रभाव का इस्तेमाल उनकी जीत की राह में बाधा डालने के लिए कर सकती है. भाजपा प्रमुख ने कहा कि चूंकि कांग्रेस इस बात से वाकिफ है कि यह चुनाव में हारने जा रही है इसलिए यह केंद्र में एक मजबूर सरकार का गठन सुनिश्चित करने के लिए हर जुगत लगा रही है.
हालांकि, सिंह ने आप का नाम नहीं लिया, पर भाजपा सूत्रों ने बताया कि वह इसका अप्रत्यक्ष रुप से जिक्र कर रहे थे. कांग्रेस दिल्ली में आप की सरकार का समर्थन कर रही है और भाजपा ने अक्सर यह आरोप लगाया है कि कांग्रेस की आप बी टीम है. संवाददाताओं ने जब भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन से पूछा कि क्या उनकी पार्टी कांग्रेस की तरह आप का मुकाबला करने के लिए रणनीति बना रही है, इस पर उन्होंने सत्तारुढ़ पार्टी और आप को एक ही ओर रखने की कोशिश की.
हुसैन ने कहा कि अब तक कांग्रेस का हाथ आम आदमी के साथ था. अब यह आम आदमी पार्टी है. आप कांग्रेस की संरक्षक होगी. दिल्ली में उन्होंने पहले ही हाथ मिला लिया है. भाजपा इस विचार को भुनाने की कोशिश करेगी कि मोदी के करिश्मे और लोकप्रियता ने कांग्रेस को डरा दिया है और उसे राहुल को अपना प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं घोषित करने के लिए मजबूर कर दिया है.
भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा उस पर साम्प्रदायिक होने के आरोपों का भी जवाब देते हुए आरोप लगाया कि कांग्रेस शासन काल में 1984 में 10,000 सिख मारे गए थे. पार्टी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने संवाददाताओं से कहा कि यह कांग्रेस है जो हमेशा ही साम्प्रदायिकता में संलिप्त रही है और इसने वोटबैंक की राजनीति की है. लोग अब समझ रहे हैं कि असल मुद्दा सुशासन, विकास और सुरक्षा है.