इंदौर : गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन पटेल ने आज इन खबरों को खारिज किया कि सूबे में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले उनकी जगह कैबिनेट मंत्री नितिन पटेल को सत्ता की कमान सौंपी जा सकती है. उन्होंने कहा कि उनके और नितिन पटेल के सोमवार के दिल्ली दौरे को नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों से जोड़कर देखना मीडिया के दिमाग की उपज है.
आनंदी ने आध्यात्मिक गुर भैयू महाराज से यहां उनके विजय नगर स्थित घर में मुलाकात की. इसके बाद जब संवाददाताओं ने गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन की खबरों को लेकर उनसे सवाल किये, तो उन्होंने इन प्रश्नों से बचने का प्रयास करते हुए कहा, ‘आज तो मैं इधर (इंदौर में) हूं.’
गुजरात की मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री के सोमवार के दिल्ली दौरे ने इस भाजपा शासित सूबे में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलों को बल दिया है. इस बारे में पूछे जाने पर आनंदी ने कहा, ‘मैं गुजरात में जल संकट को लेकर प्रधानमंत्री से मिलने दिल्ली गयी थी, जबकि नितिन भाई पटेल राष्ट्रीय पात्रता..सह..प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) पर चर्चा के लिये राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे थे.
आप ही लोगों (मीडिया) ने दोनों बातों को जोड़ दिया.’ गुजरात की मुख्यमंत्री से सवाल किया गया कि आरक्षण की मांग को लेकर पटेलों के आंदोलन के कारण क्या सूबे में भाजपा के जनाधार को नुकसान हुआ है, तो उन्होंने फौरन कहा, ‘अभी तो गुजरात में पटेल आंदोलन चल ही नहीं रहा है. यह आंदोलन पूरी तरह खत्म हो चुका है.’
बहरहाल, भैयू महाराज से आनंदी की मुलाकात को गुजरात की मुख्यमंत्री द्वारा अपने पक्ष में समर्थन जुटाने की कवायद से भी जोडकर देखा जा रहा है, क्योंकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा के आला नेताओं से इंदौर के इस आध्यात्मिक गुर के गहरे संपर्क हैं. हालांकि, जब आनंदी से भैयू महाराज के साथ करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात का सबब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस भेंट के दौरान आध्यात्मिक गुर ने उन्हें कृषि और शिक्षा को लेकर मार्गदर्शन दिया और इन विषयों पर उनसे मिले सुझावों को वह गुजरात में लागू करने की कोशिश करेंगी.