नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने दावा किया है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम नरेंद्र मोदी सरकार को नुकसान पहुंचाने के लिए देश में सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए काम कर रहा था. अंग्रेजी अखबार आइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के अनुसार दाऊद और उसकी डी कंपनी देश में धार्मिक नेताओं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेताओं और चर्च के पुजारियों पर हमले करवाकर आपसी सदभाव बिगाड़ना चाहता था.
खबर में दावा किया गया है कि एनआईए 7 मई शनिवार को डी कंपनी के उन 10 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करेगी, जिन्हे दाऊद ने भारत नमें सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का जिम्मा सौंपा था.एनआईए की जांच में इस बात का पता चला है कि डी कंपनी के सदस्य केवल हिंदू नेताओं को नही, बल्कि अन्य समुदाय के धार्मिक नेताओं और चर्च पर भी हमले की फिराक में थे. एक बड़े सुनियोजित षड़यंत्र के तहत डी कंपनी के शूटरों ने आरएसएस के दो नेताओं शिरषि बंगाली और प्रग्नेश मिस्त्री की गुजरात के भरूच में हत्या कर दी थी. यह घटना 2 नवंबर 2015 की है. जब उन शूटरों को गिरफ्तार किया गया तो उन्होंने कबूल किया कि मुंबई ब्लास्ट के आरोपी याकूब मेमन को दी गयी फांसी का बदला लेने के लिए उनलोगों ने आरएसएस नेताओं की हत्या की.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार एनआईए जिन दस लोगों के खिलाफ चार्जशीट दर्ज करने वाली है, उनमें से 7 लोगों को पिछले ही साल गिरफ्तार किया गया था. उनके नाम हैं हाजी पटेल, मोहम्मद यूनुस शेख, अब्दुल समद, अबिद पटेल, मोहम्मद अल्ताफ, मोहसिन खान और निसार अहमद. कहा जाता है कि आबिद पटेल, जावेद चिकना का भाई है. दोनों आरएसएस नेताओं की हत्या के लिए उसे 50 लाख रुपये दिये गये थे.
बताया जा रहा है कि शनिवार को दाखिल किये जाने वाले चार्जशीट में जावेद चिकना और जाहिद मियां का नाम भी शामिल है. फिलहाल इस चार्जशीट में दाउद का नाम शामिल नहीं किया है. आगे जब कोई सबूत मिलेगा तक दाऊद के खिलाफ अलग से चार्जशीज दायर किया जायेगा.