नयी दिल्ली:भाजपा ने वीरभद्र सिंह की चुनाव आयोग से शिकायत की है. उनपर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद भाजपा उन्हें पूरी तरह से घेरने की तैयारी में जुट गयी है. कल इसको लेकर भाजपा ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के घर के सामने प्रदर्शन भी किया. इससे पहले कल हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कांग्रेस आलाकमान के समक्ष अपनी बात रखी. उन्होंने भाजपा पर उनके और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ दुर्भावनापूर्ण प्रचार में लिप्त होने का आरोप लगाते हुए उसकी जमकर आलोचना की.
समझा जाता है कि सिंह को भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली द्वारा उन पर और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ लगाये गये भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों के मद्देनजर कांग्रेस आलाकमान द्वारा मुख्यमंत्री को यहां बुलाया गया.वीरभद्र सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और संभवत: पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की. यह सब ऐसे समय हो रहा है जब पार्टी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जोरदार ढंग से आवाज उठा रही है.
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह भी कांग्रेस मुख्यालय आयीं और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की. सिंह ने जेटली के आरोपों का बिन्दुवार जवाब देने का प्रयास करते हुए आठ पेज का एक बयान जारी किया और इस बात पर जोर दिया कि उन्होंने कोई घूस नहीं ली है.
उन्होंने अपने बयान में कहा, ‘‘हताश भाजपा नेता झूठी कहानियां गढ रहे हैं और अपनी सुविधा अनुसार तथ्यों को तोड़ मरोड़ रहे हैं. वह मेरे आयकर रिटर्न और मेरे परिवार द्वारा लिये गये रिण से जुड़े वही पुराने मुद्दे उठा रहे हैं जिसका जवाब और स्पष्टीकरण समय समय पर दिया जा चुका है और इसमें कुछ भी नया नहीं है.
वीरभद्र सिंह के खिलाफ भेजे जेटली के पत्र पर गौर कर रही है सीबीआई
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) भाजपा नेता अरुण जेटली के एक पत्र पर गौर कर रहा है जिसमें हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं. सीबीआई ने भविष्य में वीरभद्र से पूछताछ करने की संभावना से इनकार नहीं किया है.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता जेटली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखा था जिसकी एक प्रति सीबीआई निदेशक रंजीत सिन्हा को भेजी गई. इस पत्र में जेटली ने वीरभद्र के खिलाफ भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोप लगाए थे जिसमें केंद्रीय इस्पात मंत्री के उनके कार्यकाल के दौरान एक निजी स्टील कंपनी से दो करोड़ रुपये से अधिक रकम लेने का आरोप शामिल है.