नयी दिल्ली: अपनी सरकार के कथित भ्रष्टाचार और अनिर्णय को लेकर सवालों के घेरे में आये प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज ‘इतिहास’ को अपनी ढाल बनाया.अपनी सरकार पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को तवज्जो नहीं देते हुए सिंह ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह ईमानदारी से मानते हैं कि इतिहास उनके प्रति मौजूदा मीडिया के मुकाबले अधिक दयालु होगा.
अब यह तय करना इतिहास का काम है कि उन्होंने क्या किया या क्या नहीं किया.
दिया कि प्रधानमंत्री के रुप में मई में अपने दस साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद वह इस पद के लिए उपलब्ध नहीं रहेंगे.
उन्होंने 75 मिनट तक चले अपने संवाददाता सम्मेलन में विपक्षद्वारा उन पर लगाये गये कमजोर प्रधानमंत्री के आरोप के परिप्रेक्ष्य में विश्वास जताया कि वर्तमान मीडिया और विपक्ष की बनिस्बत इतिहास उनके प्रति उदार रहेगा.
प्रधानमंत्री पूरा करेंगे कार्यकाल, पीएमओ ने दिया अटकलों को विराम
और नरेंद्र मोदी के बीच मुख्य मुकाबला होने संबंधी प्रश्न के जवाब में सिंह ने कहा, मैं संजीदगी से मानता हूं कि नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बनना देश के लिए विनाशकारी होगा. उन्होंने कांग्रेस मुक्त भारत की मोदी की मुहिम को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि ऐसा नहीं होने जा रहा है.
सवालों के जवाब में सिंह ने उम्मीद जतायी कि उनका उत्तराधिकारी संप्रग से ही होगा. राहुल को इस पद के योग्य बताते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष में प्रधानमंत्री बनने की अपार क्षमताएं हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस उचित समय पर अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा करेगी.
मंत्री ने तर्क दिया कि कोयला घोटाला और 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन के आरोप संप्रग-एक शासन से जुड़े हैं और उसके बाद 2009 के चुनाव में जनता ने कांग्रेस को फिर से जिता कर 2009 में संप्रग-दो को सरकार बनाने का फिर अवसर दिया.
उन्होंने तर्क दिया लगता है उसने (मतदाताओं) भ्रष्टाचार के आरापों पर ध्यान नहीं दिया. ऐसा कहते हुए उन्होंने हालांकि इन तथ्यों की अनदेखी की कि ये घोटाले2009के चुनावों के बाद ही रोशनी में आए थे.
इस बात को उन्होने मगर स्वीकार किया कि उक्त दोनों मामलों में कुछ अनियमितताएं हुई थीं. उनके अनुसार, लेकिन मीडिया और कैग आदि ने उन अनियमितताओं को कुछ बढ़ा चढ़ा कर पेश किया.
मनमोहन सिंह ने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि पिछला दशक उतार चढ़ाव भरा रहा है. उन्होंने कहा कि हमने किसानों को उनके फसलों के लिए उचित मूल्यदिया.मनरेगासे लोगों में काफी विकास हुआ है.मनरेगाआने से लोगों में रोजगार के अवसर बढ़े और लोगों की क्रय शक्ति बढ़ी है.
मनमोहन सिंह ने उपलब्धियों के अलावे कुछनाकामियोंको भी गिनाया. उन्होंने कहा कि हम नौकरी देने में पीछे रह गये. छोटे और मंझोले उद्योगों को बढ़ाने की जरूरत थी.
नरेंद्र मोदी का पीएम बनना देश के लिए घातक
बीजेपी की ओर से पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लेते हुए मनमोहन सिंह ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि अगला पीएम यूपीए से ही होगा. नरेंद्र मोदी का पीएम बनना देश के लिए बहुत घातक होगा. मनमोहन ने मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि अहमदाबाद की सड़कों पर लोगों का कत्लेआम ताकत का प्रतीक नहीं है. मनमोहन ने कहा कि मजबूत नेता का ये मतलब नहीं होता है कि अहमदाबाद में लोगों का कत्लेआम हो. ये पहली बार नहीं है जब मनमोहन ने मोदी पर इतनी सख्त भाषा का इस्तेमाल किया है. मनमोहन ने इससे पहले कभी भी मोदी के लिए कत्लेआम और घातक जैसा शब्द इस्तेमाल नहीं किया.
मैंने बेहतर कार्य किया
मनमोहन सिंह ने कहा,मैं पाकिस्तान की यात्रा नहीं कर पाया क्योंकि ठोस नतीजों पर पहुंचने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं थीं. अपने कार्यकाल के दौरान अभी भी ऐसा करने की आशा है. उन्होंने कहा कि गठबंधन राजनीति की विवशताओं में मैं जितना कर सकता था, मैंने बेहतर कार्य किया. हम जब तक सत्ता में हैं हम सुधार की प्रक्रिया आगे बढ़ाने की कोशिश करते रहेंगे. कांग्रेस पार्टी के खिलाफ लोगों की नाराजगी में महंगाई एक कारक हो सकती है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में जिंस औरऊर्जा की कीमतों में उछाल के कारण मुद्रास्फीति को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करना मुश्किल हो गया.
संप्रग के कार्यकाल में कृषि ऋण सात गुना बढ़ा
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज कहा कि कृषि ऋण, संप्रग सरकार के पिछले 10 साल के कार्यकाल में सात गुना बढ़कर 7,00,000 करोड़ रुपये हो गया. उन्होंने कहा कि इससे अनाज उत्पादन रिकार्ड स्तर पहुंच गया और खाद्य कानून लागू करने में मदद मिली.प्रधानमंत्री सिंह द्वारा आज यहां एक विशेष संवाददाता सम्मेलन में जारी संप्रग सरकार के लेखा-जोखा के मुताबिक ‘‘संप्रग सरकार के लोगों विशेष तौर पर गरीबों को खाद्य एवं पोषण सुरक्षा प्रदान करने के संकल्प के मद्देनजर अनाज उत्पाद बढ़ाने की कोशिश का नतीजा दिख रहा है.’’
भ्रष्टाचार के आरोपों पर विपक्ष के निजी स्वार्थ थे
पीएम ने कहा,हम वृद्धि में सुधार, उद्यम को प्रोत्साहित करने, रोजगार बढ़ाने और गरीबी दूर के लिए अपनी नीतियों लागू करना जारी रखेंगे. तथ्य यह है कि मैंने ही कोयला ब्लाक आवंटन में पारदर्शिता पर जोर दिया था मुझे इस बात का खेद है कि सच्चर समिति की सिफारिशों के कार्यान्वयन का लाभ सभी लोगों तक नहीं पहुंच पाया. मैंने पूरी प्रतिबद्धता और ईमानदारी से देश की सेवा की है. मैंने कभी अपने मित्रों अथवा रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का इस्तेमाल नहीं किया. मैंने ही वह व्यक्ति था जिसने बात पर जोर दिया था कि स्पेक्ट्रम आवंटन पारदर्शी, निष्पक्ष होना चाहिए और कोयला खानों का आवंटन नीलामी पर आधारित होना चाहिए. भ्रष्टाचार के आरोपों पर विपक्ष के निजी स्वार्थ थे और मीडिया, कैग तथा अन्य पक्षों ने कई मौकों पर इसे हवा दी.
संप्रग के कार्यकाल में औसत आर्थिक वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रही
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन(संप्रग)सरकार के 10 साल के कार्यकाल में भारत की औसत आर्थिक वृद्धि दर बढ़कर 7.7 प्रतिशत रही जो इससे पिछले दशक में 6.2 प्रतिशत रही थी. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई में सरकार की उपब्धियों को रेखांकित करते हुए आज जारी लेखा जोखा रिपोर्ट ‘प्रगति व विकास के 10 वर्ष’ में कहा गया है, ‘‘ संप्रग सरकार(2004-05 से 2013-14)के कार्यकाल में दो वैश्विक नरमी के बावजूद औसत जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 7.7 प्रतिशत पहुंच गई.’’कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर निरंतर बढ़ती रही है और दसवीं व ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजनाओं के दौरान इस क्षेत्र की वृद्धि दर क्रमश: 2.5 प्रतिशत और 3.7 प्रतिशत रही और चालू 12वीं योजना में इसके 4 प्रतिशत का स्तर छू जाने की संभावना है.
रिपोर्ट कार्ड में आगे कहा गया है कि वर्तमान मूल्य पर देश का सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी)पिछले नौ वर्षों में करीब तीन गुना होकर 100.28 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया. 2004.05 में जीडीपी 32.42 लाख करोड़ रुपये के बराबर था. इस प्रगति रिपोर्ट में कहा गया है,इसी तरह, इस दौरान प्रति व्यक्ति आय करीब तीन गुना हो गई है. वर्ष 2012 में प्रति व्यक्ति आय बढ़कर 68,747 रुपये पहुंच गई जो 2004 में 24,143 रुपये थी. रिपोर्ट कार्ड में कहा गया है, ‘‘ पिछले नौ वर्षों के दौरान प्रति व्यक्ति आय करीब 20 प्रतिशत की वार्षिक की औसत दर से बढ़ी है जो इस दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में वृद्धि दर से उपर रही है.’’
वीरभद्र के खिलाफ आरोपों पर विचार के लिए समय नहीं मिला
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों पर यह कहते हुए कोई टिप्पणी नहीं की कि इस मुद्दे पर विचार करने का उन्हें समय नहीं मिला है. राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली द्वारा हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पर लगाये गये आरापों के बारे में पूछे गये एक सवाल के जवाब में सिंह ने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिलाफ आरोपों में सचाई क्या है इस बारे में अपना दिमाग लगाने के लिए मुझेसमय नहीं मिला है.’’प्रधानमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में क्या हो रहा है इस पर टिप्पणी करने में वह असमर्थ हैं यद्यपि इस संबंध में उन्हें अरुण जेटली का पत्र मिला है और वह सचाई का पता लगाने का प्रयास करेंगे.